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NEET PG 2023 के लिए जीरो कट-ऑफ: अब एग्जाम देने वाला हर स्टूडेंट पीजी के लिए पात्र

NEET PG 2023 के लिए कट-ऑफ या क्वालीफाइंग परसेंटाइल को घटाकर जीरो कर दिया गया है.

गरिमा साधवानी
शिक्षा
Published:
<div class="paragraphs"><p>NEET PG 2023 के लिए जीरो कट-ऑफ: परीक्षा देने वाला हर व्यक्ति अब पीजी के लिए पात्र है</p></div>
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NEET PG 2023 के लिए जीरो कट-ऑफ: परीक्षा देने वाला हर व्यक्ति अब पीजी के लिए पात्र है

(फोटो: फिट)

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राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा पोस्ट ग्रेजुएट (NEET PG) 2023 के लिए कट-ऑफ या क्वालीफाइंग परसेंटाइल जीरो कर दिया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार, 20 सितंबर को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) को भी निर्देश दिया कि वह उम्मीदवारों को काउंसलिंग से पहले अपनी पसंद को एडिट करने की अनुमति दे.

अब तक क्या: स्वास्थ्य मंत्रालय का निर्देश आने तक, NEET PG के लिए कट-ऑफ परसेंटाइल यह था-

  • जनरल कटेगरी - 50

  • PwD कटेगरी - 45

  • आरक्षित कटेगरी - 40

अब, सभी श्रेणियों में कट-ऑफ परसेंटाइल "जीरो" हो जाएगा.

स्वास्थ्य मंत्रालय का राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को निर्देश.

(फोटो क्रेडिट: एक्स, पूर्व में ट्विटर)

यह फैसला क्यों:

  • पूर्व में खाली रह गई सभी क्लीनिकल और नॉन-क्लीनिकल सीटों को भरना

  • ज्यादा से ज्यादा डॉक्टरों को पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री और विशेषज्ञता प्राप्त करने की अनुमति देना

कट-ऑफ परसेंटाइल को कम करने की मांग पहले भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन द्वारा उठाई जा चुकी है.

मेडिकल काउंसलिंग कमेटी तीसरे राउंड की काउंसलिंग से पहले नए रजिस्ट्रेशन खोलेगी ताकि उम्मीदवार अपनी पसंद को एडिट कर सकें. काउंसलिंग का कार्यक्रम भी जल्द ही घोषित किया जाएगा.

लेकिन...इस फैसले पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.

फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “एनईईटी पीजी कट ऑफ के संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी इस तरह के नोटिस को देखकर हम हैरान हैं. यह देखना हास्यास्पद है कि जीरो परसेंटाइल वाले उम्मीदवार पोस्टग्रेजुएट सीट पाने के लिए पात्र हैं. यह चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के मानक का मजाक है.”

तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने भी माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर कहा,

“एनईईटी पीजी कट-ऑफ को 'जीरो' तक कम करके, वे स्वीकार कर रहे हैं कि राष्ट्रीय 'पात्रता' (Eligibility) सह प्रवेश परीक्षा में 'पात्रता' अर्थहीन है. यह सिर्फ कोचिंग सेंटरों और परीक्षा के लिए भुगतान के बारे में है. इससे ज्यादा योग्यता की आवश्यकता नहीं है.”
एमके स्टालिन

FAIMA के अध्यक्ष डॉ. रोहन कृष्णन ने कहा कि इससे "भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा" और निजी कॉलेजों की फीस बढ़ जाएगी.

हालांकि, यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ लक्ष्य मित्तल ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि "पीजी सीटों पर प्रवेश अभी भी योग्यता के आधार पर होगा."

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