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अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 2018-2019 के दौरान तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. ‘इंटरनेशनल एजुकेशन एक्सचेंज’ की 2019 ‘ओपन डोर रिपोर्ट’ के मुताबिक अमेरिका में कुल अंतरराष्ट्रीय छात्रों में 18 प्रतिशत भारतीय हैं. वहीं लगातार दसवीं बार चीन के सबसे ज्यादा 3,69,548 छात्र थे. इसके बाद 2,02,014 छात्रों के साथ भारत दूसरे स्थान पर रहा.
अमेरिका स्थित ‘इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन’ (आईआईई) विदेशी और देश में पढ़ने वाले छात्रों और ‘क्रेडिट-बेयरिंग’ पाठ्यक्रमों में विदेशों में पढ़ाई कर रहे अमेरिकी छात्रों का वार्षिक सर्वे करता है.
रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों ने 2018 में अर्थव्यवस्था में 44.7 अरब डालर का योगदान दिया था, जो पिछले वर्ष से 5.5 प्रतिशत ज्यादा था.
2018 में अमेरिका जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 5.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी. ‘ओपन डोर रिपोर्ट’ के मुताबिक, पिछले साल 196,271 छात्र उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गए थे. 2018 में लगातार पांचवे साल छात्रों की संख्या बढ़ी थी. 2017 में 186,000 भारतीय छात्र अमेरिका गए थे.
सालों से उच्च शिक्षा के लिए भारतीय छात्रों की पसंदीदा जगह अमेरिका रही है. लेकिन अब वीजा मिलने में दिक्कतें, डॉलर के मुकाबले रूपये का गिरना और अमेरिका में भारतीयों पर बढ़ते हमलों से बड़ी संख्या में छात्र अब कनाडा की ओर रुख कर रहे हैं. कनाडा सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई 2019 तक भारतीय छात्रों को 50,060 स्टडी परमिट जारी किए गए.
भारत में कैनेडियन हाई कमिशन के ग्लोब एंड मेल न्यूजपेपर को दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2018 में 172,000 भारतीयों के पास स्टडी परमिट था.
2018 में यूएस सिटिजनशिप और इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 5 अक्टूबर तक H-1B वीजा पाने वाले हर चार लोगों में तीन भारतीय थे. रिपोर्ट में बताया गया था कि अमेरिका में इस वीजा पर काम कर रहे 419,637 विदेशी नागरिकों में 309,986 भारतीय थे.
इस साल 17 जुलाई को विदेश मंत्रालय ने बताया था कि पिछले पांच सालों में यूएस ने जितने भी H-1B वीजा जारी किए, उसमें से 67-72% के बीच भारतीयों को मिले थे. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा में बताया कि 2018 में 125,528 भारतीय नागरिकों को H-1B वीजा मिला और 2017 में 129,097 भारतीयों को ये वीजा जारी किया गया था.
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