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राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा रीट लेवल-1 (REET leval-1) भर्ती प्रक्रिया से बीएड (B.Ed) उम्मीदवारों को बाहर करने की मांग पर जोधपुर हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने गुरुवार को फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने बीएड अभ्यर्थियों को रीट लेवल 1 में सम्मिलित करने से इनकार कर दिया है. अब रीट लेवल प्रथम की परीक्षा देने वाले 9 लाख बीएड योग्यताधारियों का रिजल्ट जारी नहीं होगा.
कोर्ट का फैसला आते ही बीएसटीसी डिग्रीधारकों में खुशी की लहर छा गई, जबकि बीएड योग्यताधारी निराश हो गए. राजस्थान हाई कोर्ट के इस आदेश से न केवल राजस्थान बल्कि देशभर के बीएसटीसी अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है. राजस्थान हाई कोर्ट मुख्य पीठ जोधपुर में सीजे अकील कुरैशी की खंडपीठ ने फैसला देते हुए रीट लेवल प्रथम में बीएसटीसी अभ्यर्थियों को ही योग्य मानते हुए बीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को परीक्षा से बाहर कर दिया.
रीट लेवल प्रथम में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल करने को लेकर राजेंद्र चोटिया और अन्य की ओर से दायर अलग-अलग याचिकाओं पर राजस्थान हाई कोर्ट मुख्य पीठ जोधपुर में बुधवार को सुनवाई पूरी होने के बाद गुरुवार को अदालत ने अपना फैसला सुनाया.
मामले में एनसीटीई ने साल 2018 में एक नोटिफिकेशन जारी कर बीएड डिग्रीधारकों को भी रीट लेवल प्रथम के लिए योग्य माना था. इसके साथ ही एनसीटीई ने यह भी माना था कि अगर बीएड डिग्रीधारी परीक्षा में उतीर्ण होते हैं तो उन्हें इस लेवल के लिए शिक्षक के रूप में नियुक्ति के साथ 6 माह का ब्रिज कोर्स करना होगा.
इसके बाद से ही बीएसटीसी उम्मीदवार हाईकोर्ट से मांग कर रहे थे कि बीएड उम्मीदवारों को लेवल-1 से बाहर निकाला जाए. ऐसे में आज गुरूवार को बीएसटीसी अभ्यर्थियों को हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिली.
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