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तमिलनाडु विधानसभा में नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट (NEET) से स्थायी छूट की मांग करते हुए 13 सितंबर को बिल पास हो गया है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बिल पेश किया था. ये बिल कक्षा 12वीं के मार्क्स के आधार पर एमबीबीएस/बीडीएस में एडमिशन को सक्षम बनाता है. विधानसभा में AIDMK ने बिल का समर्थन किया जबकि बीजेपी ने वाकआउट किया.
बिल को पेश करते हुए स्टालिन ने कहा कि द्रमुक शुरू से ही NEET का विरोध करती रही है और सत्ता में आने के बाद इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरू कर दी है. स्टालिन ने कहा कि सरकार 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर मेडिकल सीटों के लिए प्रवेश प्रक्रिया लाने की कोशिश कर रही है.
अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया. विपक्ष के नेता पलानीस्वामी ने कहा कि उन्हें छात्र की मौत पर चर्चा करने का अवसर नहीं दिया गया.
तमिलनाडु के सलेम जिले के कुलियूर गांव में 20 साल के एक छात्र की खुदकुशी से मौत हो गई थी. पुलिस सूत्रों ने कहा कि छात्र को 12 सितंबर को NEET में अपने तीसरे प्रयास के लिए उपस्थित होना था.
छात्र ने 2019 में अपनी कक्षा 12 की परीक्षा पास की थी और परीक्षा की तैयारी कर रहा था.
पुलिस उनके घर पहुंची और शव को मेट्टूर के सरकारी सामान्य अस्पताल ले जाया गया. मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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