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नई दिल्ली, 18 मार्च (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दूरसंचार कंपनियों, सरकार और यहां तक कि मीडिया को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि बकाया भुगतान को लेकर एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) पर अदालत के आदेश पर आगे किसी आपत्ति को अनुमति नहीं दी जाएगी।
यह बकाया राशि करीब 1.47 लाख करोड़ रुपये है। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा, "इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। कंपनियां हमें धोखा देना चाहती हैं। अगर जरूरत पड़ी तो हम सभी दूरसंचार कंपनियों के प्रबंध निदेशकों (एमडी) को सम्मन करेंगे और यहां से उन्हें जेल भेजेंगे। ये कंपनियां सार्वजनिक धन को हड़पने वाली हैं और कमाए गए राजस्व का अंश भी भुगतान नहीं करना चाहती हैं।"
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा, "सभी समाचार पत्र अदालतों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। सभी कंपनियां मीडिया के माध्यम से हमें प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं।"
कोर्ट ने कहा, "दूरसंचार कंपनियों के कार्य हमारे फैसले की उपेक्षा के समान हैं। हमारे फैसले के अनुसार सभी बकाए का भुगतान करना होगा, जिसमें ब्याज और जुर्माना भी शामिल हैं।"
अपने आदेश में न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि एजीआर बकाया राशि पर कोई सेल्फ एसेसमेंट नहीं किया जा सकता है और इस फैसले पर आगे किसी आपत्ति पर विचार नहीं किया जाएगा।
इस पीठ में न्यायमूर्ति एस.अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति एम.आर.शाह भी शामिल हैं।
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