Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019एसबीआई को 40 हजार करोड़ फंसे कर्ज की वसूली की उम्मीद

एसबीआई को 40 हजार करोड़ फंसे कर्ज की वसूली की उम्मीद

एसबीआई को 40 हजार करोड़ फंसे कर्ज की वसूली की उम्मीद

IANS
न्यूज
Published:
एसबीआई को 40 हजार करोड़ फंसे कर्ज की वसूली की उम्मीद
i
एसबीआई को 40 हजार करोड़ फंसे कर्ज की वसूली की उम्मीद
null

advertisement

कोलकाता, 9 जून (आईएएनएस)| देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक को चालू वित्त वर्ष में 40,000 करोड़ रुपये से अधिक के फंसे हुए कर्ज की वसूली की उम्मीद है। यह बात शनिवार को बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही। एसबीआई के उप महाप्रबंधक (दबावग्रस्त परिसंपत्ति समाधान समूह) पल्लव महापात्रा ने कहा, हमें उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में 40,000 करोड़ से अधिक की रिकवरी कर पाएंगे। हम ऋणशोधन अक्षमता और दिवाला संहिता (आईबीसी) के जरिए 25,000-30,000 करोड़ और बाकी एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियों (एआरसी) को की जाने वाली बिकवाली और एक बार के समाधान जैसे अन्य स्रोतों से वसूली की उम्मीद करते हैं।

उन्होंने बताया कि आईबीसी के तहत पहली सूची में दबावग्रस्त खातों में जैसा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जिक्र किया गया कि एसबीआई के 48,000 करोड़ रुपये फंसे थे। वहीं, दूसरी सूची में 28,000 करोड़ रुपये का खुलासा किया गया।

उन्होंने कहा, दबावग्रस्त खातों में हमने आईबीसी को आरबीआई के निर्देश के अनुसार 76,000 करोड़ रुपये फंसे होने का खुलासा किया है।

उन्होंने कहा कि अब तक सिर्फ दो मामलों का समाधान किया गया है।

महापात्रा ने कहा, भूषण स्टील के मामले में हमें 30 फीसदी की कटौती के बाद 8,500 करोड़ रुपये मिले जबकि हमारा दावा 11,500 करोड़ रुपये का था। दूसरे मामले में पैसे निलंब (एस्क्रो) खाते में जमा किए गए। अदालत की मंजूरी मिलने के बाद इसका समायोजन किया जाएगा।

उन्होंने कहा, हम ज्यादा से ज्यादा वसूली की उम्मीद करते है।

महापात्रा ने बताया कि एसबीआई ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अभिकरण के पास 250 मुकदमे दाखिल किए जिसमें तकरीबन 95,000 करोड़ रुपये का खुलासा किया गया।

(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT