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बंगाल चुनाव से 14 दिन पहले राकेश टिकैत करेंगे बंगाल का दौरा

कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में किसान लगातार केंद्र सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने में लगे हुए हैं

IANS
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 कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में किसान लगातार केंद्र सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने में लगे हुए हैं
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कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में किसान लगातार केंद्र सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने में लगे हुए हैं
(फोटो: PTI/Altered by Quint)

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गाजीपुर बॉर्डर, 4 मार्च (आईएएनएस)। कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में किसान लगातार केंद्र सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने में लगे हुए हैं। बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें पर चुनाव होने हैं। पहला मतदान 27 मार्च को होगा। मतदान से ठीक 14 दिन पहले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता राकेश टिकैत बंगाल में होने वाली महापंचायत में शामिल होंगे।

जानकारी के मुताबिक, 12 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेता डॉ. दर्शन पाल, योगेंद यादव, बलबीर सिंह राजेवाल आदि महापंचायत में शामिल होंगे तो वहीं 13 मार्च को राकेश टिकैत बंगाल की किसान महापंचायत को संबोधित करेंगे।

राकेश टिकैत का यह दौरा और वहां महापंचायत में शामिल होना इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि हाल ही में संयुक्त किसान मोर्चा ने एलान किया था कि जिन राज्यों में अभी चुनाव होने वाले हैं, उन राज्यों में यह किसान संगठन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को किसान-विरोधी, गरीब-विरोधी नीतियों के लिए दंडित करने की जनता से अपील करेगा।

यही कारण है कि एसकेएम के प्रतिनिधि इसी उद्देश्य के साथ बंगाल का दौरा करेंगे और विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे।

पश्चिम बंगाल में चुनाव को लेकर भाजपा पूरी तैयारी कर चुकी है, पार्टी के आला नेता लगातार बंगाल का दौरा और बैठकें कर रहे हैं, ऐसे में किसान नेताओं के दौरे से भाजपा को नुकसान पहुंचने से इनकार नहीं किया जा सकता।

बंगाल में 8 चरणों में चुनाव पूरे किए जाएंगे, 294 सीटों पर जनता राज्य की सत्ता के लिए पहला मतदान 27 मार्च को होगा, वहीं, अंतिम चरण 29 अप्रैल को होगा और मतगणना 2 मई को होगी।

किसान तीन नए खेती कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से ही राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें कोई गलतफहमी नहीं है, उन्होंने इन कानूनों को अच्छी तरह समझ लिया है, इसलिए विरोध कर रहे हैं। किसान नेताओं और सरकार के बीच 11 दौर की वार्ताएं विफल रही हैं।

--आईएएनएस

एमएसके/एसजीके

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