Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019आधार लीक के खुलासे पर पत्रकार के ऊपर FIR,एडिटर्स गिल्ड ने की निंदा

आधार लीक के खुलासे पर पत्रकार के ऊपर FIR,एडिटर्स गिल्ड ने की निंदा

ट्रिब्यून अखबार की पत्रकार ने आधार डेटा लीक का खुलासा किया था

क्विंट हिंदी
न्यूज
Published:
ट्रिब्यून की रिपोर्ट में आधार डेटा ब्रीच होने का दावा किया था
i
ट्रिब्यून की रिपोर्ट में आधार डेटा ब्रीच होने का दावा किया था
(फोटो: द क्विंट)

advertisement

ट्रिब्यून अखबार ने आधार डेटा लीक होने से संबंधित खबर छापी थी. मामले के तूल पकड़ने के बाद UIDAI ने पत्रकार और संस्थान के खिलाफ FIR दर्ज कराई है.

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने ट्रिब्यून और उसके पत्रकार के खिलाफ हुई FIR की निंदा की है. गिल्ड का कहना है कि अखबार ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए खबर छापी थी. UIDAI को FIR के बजाए डेटा ब्रीच के मामले की जांच करानी थी.

एडिटर्स गिल्ड ने एक प्रेस रिलीज में कहा,

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया इस UIDAI के डिप्टी डॉयरेक्टर द्वारा ट्रिब्यून की रिपोर्टर रचना खैरा पर कराई गई FIR पर चिंता जताती है. रिपोर्टर पर IPC की धारा 419 (भेष बदलकर धोखाधड़ी), 420 (धोखाधड़ी), 468(फोर्जरी) और धारा 471 के तहत मामला दर्ज किया गया है. उन पर आईटी एक्ट और आधार एक्ट की धाराएं भी लगाई गई थीं.गिल्ड UIDAI के कदम की निंदा करती है. रिपोर्टर की कार्रवाई एक बड़े सार्वजनिक हित के लिए थी. प्रेस पर किया गया हमला गलत है. रिपोर्टर को परेशान करने के बजाए UIDAI को डेटा ब्रीच की जांच करवानी थी. गिल्ड, संबंधित मंत्रालय से दखल देने की मांग करते हुए रिपोर्टर के खिलाफ हुई FIR को वापस करवाने की मांग करती है.

BEA ने भी की केस वापस लिए जाने की मांग

ब्रॉडकॉस्ट एडिटर्स एसोसिएशन ने भी ट्रिब्यून की रिपोर्टर पर हुई FIR की निंदा की है और इसे फ्री स्पीच पर हमला करार दिया है.

सिस्टम की कमियों को उजागर करने वाले पत्रकारों के खिलाफ ऐसी FIR अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र पर करारा प्रहार है. रचना खैरा के खिलाफ हुई FIR तुरंत वापस ली जानी चाहिए. मैसेंजर को मारना कोई समाधान नहीं है. यह एक जहरीला चलन है, जिसे रोका जाना चाहिए.

क्या है मामला

3 जनवरी को ट्रिब्यून की रिपोर्ट में खैरा ने इस बात का खुलासा किया था, कि कैसे किसी पेमेंट बैंक को किया गया भुगतान, किसी व्यक्ति की आधार डीटेल का खुलासा कर सकता है.

खैरा ने जानकारी जुटाने के लिए एक नकली पहचान रखी थी. इसके बाद उन्होंने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि उनके पास लोगों की वो जानकारी है, जो उन्होंने आधार कार्ड में दर्ज कराई थी. UIDAI ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा था कि डेटा ब्रीच कहीं से भी संभव नहीं है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT