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मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में तीन दिनों से जारी बारिश के बाद अधिकारी सतर्क हो गए हैं। लगातार हो रही बारिश ने अधिकारियों को बाढ़ जैसी स्थिति से लोगों को सतर्क करने के लिए प्रेरित किया है। नर्मदा, बेतवा, तवा, शिप्रा, गोपद-बनास सहित राज्य में लगभग बड़े और छोटे आकार की तमाम नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
राज्य के एक हिस्से को दूसरे हिस्से से जोड़ने वाले राजमार्ग और कई सड़कें बारिश के पानी में डूबी हुई हैं। विभिन्न स्थानों से प्राप्त रिपोटरें में बताया गया है कि कई क्षेत्रों के स्कूलों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, सरकारी कार्यालयों और आवासीय कॉलोनियों में बाढ़ जैसी स्थिति है।
राजधानी भोपाल को रायसेन से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर बना एक पुल रविवार की रात ढह गया, जिससे आसपास के इलाके में वाहनों की आवाजाही धीमी हो गई और अन्य सड़कों पर यातायात बाधित हो गया। इसी तरह, भोपाल-जबलपुर और नागपुर (महाराष्ट्र) को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर नवनिर्मित पुल का 40 मीटर हिस्सा भोपाल के पास धंस गया।
इसके अलावा, सड़कों पर बने छोटे आकार के पुलों से ऊपर पानी बहने के कारण श्योपुर (एमपी) से कोटा (राजस्थान) को जोड़ने वाला राजमार्ग दो दिनों तक बंद रहा।
भिंड जिले में सिंध नदी के पास श्मशान स्थल के जलमग्न होने के कारण एक बुजुर्ग महिला के शव का अंतिम संस्कार सड़क पर ही करना पड़ा।
इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने राज्य के विभिन्न हिस्सों के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। भोपाल में आईएमडी के क्षेत्रीय कार्यालय के अनुसार, भोपाल शहर में पिछले 24 घंटों में 8.7 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
भोपाल में बाढ़ जैसे हालात हैं, क्योंकि लगभग सभी झीलों और बांधों में बारिश का पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। भयावह स्थिति को भांपते हुए प्रशासन ने पानी छोड़ने के लिए बांधों (नर्मदा, बेतवा, कालियासोत आदि सहित कई नदियों पर बने बांध) के अतिरिक्त गेट खोल दिए हैं।
आईएमडी के अनुसार, गुना, अशोक नगर, शाजापुर, रायगढ़, रीवा, सतना, सीधी, भोपाल, छिंदवाड़ा, सागर और कई अन्य जिलों में भारी बारिश की संभावना है।
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