Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019जैसलमेर के थईयात गांव की पहाड़ियों से चोरी हुआ डायनासोर का फुट प्रिंट

जैसलमेर के थईयात गांव की पहाड़ियों से चोरी हुआ डायनासोर का फुट प्रिंट

जैसलमेर के थईयात गांव की पहाड़ियों पर 7 साल पहले उभरे हुए पैर के निशान मिले थे.

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डायनासोर का फुट प्रिंट

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भारत में पहली बार मिले डायनासोर (dinosaur) के दुर्लभ फुट प्रिंट की शिला चोरी हो गई है. जैसलमेर के थईयात गांव की पहाड़ियों पर 7 साल पहले उभरे हुए पैर के निशान मिले थे. स्थानीय लोगों का कहना है कि करीब एक 1 महीने ये फुट प्रिंट की शिला नहीं दिखाई दे रही है. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है बहुत ज्यादा संभावना इस बात की है कि खोजकर्ता ही उस शिला को अपने साथ ले गया हो.

इस दुर्लभ खोज में शामिल जैसलमेर के भूजल वैज्ञानिक डॉ नारायण दास इनखिया का कहना है कि जब इसकी खोज हुई उस समय मैं भी वहीं मौजूद था. लेकिन अब इस दुर्लभ वैज्ञानिक खोज के वहां नहीं होने की खबर आ रही है. यह फुट​प्रिंट पहाड़ की चट्टान में था जिसे ले जाना संभव भी नहीं ​था.

डायनासोर के फुट प्रिंट की खोज को लेकर 2014 में राजस्थान यूनिवर्सिटी की ओर से 9वीं इंटरनेशनल कांग्रेस ऑन जुरासिक सिस्टम का आयोजन किया गया था. इसमें इस बात काे लेकर संभावना जताई गई थी कि राजस्थान के जैसलमेर इलाके में डायनासोर के प्रमाण मिल सकते हैं.

इसके बाद इंटरनेशनल ग्रुप ऑफ साइंटिस्ट के 20 वैज्ञानिकों ने थईयात गांव की पहाड़ियों पर इसकी खोज शुरू की. वैज्ञानिकों को डायनासोर के 2 पैरों के निशान मिले. इनकी मार्किंग कर इन्हें सुरक्षित किया गया और इस खोज को 2015 में पब्लिश किया गया. इस टीम में विदेशी साइंटिसट भी शामिल थे.

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वैज्ञानिकों का मानना है कि डायनासोर के पैरों के निशान करीब 150 लाख साल पुराने हैं. यह मांसाहारी डायनासोर के हैं, थईयात गांव की पहाड़ियों पर और भी डायनासोर के पंजों के निशान मिल चुके हैं, लेकिन वे इन पहाड़ियों में धंसे हुए हैं. यह एक मात्र ऐसा फुट प्रिंट था जो पहाड़ी पर उभरा हुआ मिला. जैसलमेर के थईयात क्षेत्र में मिला डायनासोर का त्रिपदीय निशान फ्रान्स, पौलेंड, स्लोवाकिया, इटली, स्पेन, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में मिलते थे.

इन क्षेत्रों में डायनोसोर के अंडे, हड्डियां और दांत पहले भी मिलते थे, लेकिन भारत में पहली बार डायनासोर के पंजों के निशान को मिले थे. यह निशान त्रिपदीय जीव के समान ही दिखते हैं. उनका अनुमान है कि निशान उड़ने वाले डायनासोर और चलने वाले डायनासोर के बीच की श्रेणी के हैं.

जिस डायनासोर के पंजे जैसलमेर में मिले हैं वह यूब्रोनेट्स ग्लेलेरोनेनसिस थेरोपोड डायनासोर के हैं, जो कि करीब 30 सेंटीमीटर लंबे रहे होंगे. फुटप्रिंट्स के हिसाब से उनका शरीर 1 से 3 मीटर लंबा और 5 से 7 मीटर चौड़ा रहा होगा. वहीं दूसरी तरफ 3 साल पहले वैज्ञानिकों को जैसलमेर में छोटे डायनासोर की प्रजातियां होने के प्रमाण मिले थे.

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Published: 21 Sep 2021,11:43 AM IST

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