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सोमवार को रांची की CBI कोर्ट के एक फैसले के बाद झारखंड में साल 2006 से 2008 के बीच शासन करने वाली मधु कोड़ा सरकार के नाम एक अजीबोगरीब रिकॉर्ड बन गया. इस सरकार में मंत्री रहे बंधु तिर्की को आय से अधिक संपत्ति के मामले में कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 3 साल की सजा सुनाई. इसके साथ ही सरकार के एक तिहाई मंत्री भ्रष्टाचार और आपराधिक मामलों में सजायाफ्ता (कनविक्टेड) हो गये हैं.
झारखंड विधानसभा के सदस्यों की संख्या के आधार पर यहां राज्य सरकार में मंत्रियों की अधिकतम संख्या 12 होती है. यहां 18 सितंबर 2006 से लेकर 23 अगस्त 2008 तक निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा मुख्यमंत्री रहे. उनकी सरकार में भी 12 मंत्री थे. इनमें से 6 यानी कुल 50 फीसदी मंत्रियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप लगे और उनके खिलाफ सीबीआई जांच बैठी.
इनमें मधु कोड़ा के अलावा उनकी कैबिनेट में शामिल रहे एनोस एक्का, हरिनारायण राय, बंधु तिर्की, भानु प्रताप शाही और कमलेश सिंह शामिल है. इन सभी के खिलाफ अलग-अलग तरह के घोटालों के भी मामले दर्ज हुए.
मधु कोड़ा 4000 करोड़ के बहुचर्चित कोयला घोटाले में दोषी पाये गये. दिल्ली की पटियाला हाउस स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में जस्टिस भरत पराशर ने 16 दिसंबर 2017 को उन्हें 3 साल की सजा सुनाई थी. साथ ही उन पर 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था. फिलहाल, कोड़ा जमानत पर हैं.
पूर्व मंत्री हरिनारायण राय पर भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति का आरोप साबित हुआ. सीबीआई कोर्ट ने 2016 में उन्हें पांच साल की सजा सुनाई थी और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था. उन्होंने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की, लेकिन हाईकोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा.
भानु प्रताप शाही के खिलाफ दवा घोटाला और आय से अधिक संपत्ति के अलग-अलग मामलों में अदालत में सुनवाई की प्रक्रिया चल रही है.
इसी तरह तत्कालीन कोड़ा सरकार के छठे मंत्री कमलेश सिंह के खिलाफ भी आय से अधिक संपत्ति के आपराधिक मामले में सुनवाई जारी है. इन सभी छह पूर्व मंत्रियों को इन मामलों में कई बार जेल यात्राएं करनी पड़ी हैं.
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