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भारत 121 देशों के ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 (Global Hunger Index) में 107वें स्थान पर खिसक गया है. इससे पहले भारत 101वें स्थान पर था. भारत अब अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से भी पीछे है. ग्लोबल हंगर इंडेक्स की वेबसाइट पर जारी रिपोर्ट के अनुसार चीन, तुर्की और कुवैत सहित 17 देश पहली रैंक पर हैं.
आयरिश सहायता एजेंसी कंसर्न वर्ल्डवाइड और जर्मन संगठन वेल्ट हंगर हिल्फ की संयुक्त रूप से तैयार की गई रिपोर्ट में भारत में भूख के स्तर को "गंभीर" बताया गया है.
भारत के 100वें स्थान से नीचे गिरने के बाद सरकार ने पिछले साल रिपोर्ट को "चौंकाने वाला" और "जमीनी वास्तविकता से दूर" कहा था. सरकार ने दावा किया कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स को गणना करने का पैमाना वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित नहीं है.
सरकार ने एक बयान में कहा था कि "यह चौंकाने वाला है कि ग्लोबल हंगर रिपोर्ट 2021 ने कुपोषित आबादी के अनुपात पर FAO (संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन) के अनुमान के आधार पर भारत की रैंक को नीचे कर दिया है, जो जमीनी हकीकत और तथ्यों से दूर है. ग्लोबल हंगर रिपोर्ट, कंसर्न वर्ल्डवाइड और वेल्ट हंगर हिल्फ की प्रकाशन एजेंसियों ने रिपोर्ट जारी करने से पहले मेहनत नहीं की है...FAO की कार्यप्रणाली अवैज्ञानिक है." वेल्ट हंगर हिल्फ ने तब भारत सरकार के इस दावे का खंडन किया था.
कांग्रेस सांसद पी चिदंबरम ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 8 साल में 2014 के बाद से हमारा स्कोर खराब हुआ है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि,
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