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गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. खबर है कि गुरुवार को 16 और बच्चों की मौत हो गई है, जिसमें एक की मौत इंसेफेलाइटिस की वजह से हुई. बाकी मौतों के कारणों का अभी पता नहीं चला है. इस तरह अगस्त के महीने में बच्चों की मौत का आंकड़ा 415 हो गया है.
30 अगस्त को भी ऐसी खबर आई थी कि 48 घंटे के भीतर 42 बच्चों की मौत हो गई. इन बच्चों में से 7 बच्चों की मौत इंसेफेलाइटिस की वजह से हुई थी, जबकि बाकी बच्चों की मौत दूसरी वजह से हुई थी.
गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कॉलेज 12 अगस्त को सुर्खियों में आया था, जब ऑक्सीजन की कमी के चलते 48 घंटे में 30 बच्चों की मौत की खबर आई थी. हालांकि, मेडिकल कॉलेज प्रशासन और सरकार ने कहा था कि ये मौतें ऑक्सीजन की कमी से नहीं बल्कि इंसेफेलाइटिस की वजह से हुई.
गोरखपुर समेत पूरे पूर्वांचल में हर साल इंसेफेलाटिस से सैकड़ों बच्चों की मौत हो जाती है. सिर्फ इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक समेत कई राज्यों में AES यानी एक्युट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम और जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) के शिकार ज्यादातर बच्चे ही होते हैं.
बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में बच्चों की मौत के मामले में यूपी स्पेशल टास्क फोर्स ने मंगलवार को कानपुर से पूर्व प्राचार्य डा. राजीव मिश्रा और उनकी पत्नी डा. पूर्णिमा शुक्ला को गिरफ्तार किया था. इन दोनों का नाम उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज कराई गयी एफआईआर में शामिल हैं.
बता दें इस महीने की शुरुआत में गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में 48 घंटे में 60 बच्चों की मौत हो गयी थी, जिसके बाद सरकार ने तुरंत डा. मिश्रा को निलंबित कर दिया था। हालांकि, उसी दिन उन्होंने बच्चों की मौत की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुये अपने पद से त्यागपत्र भी दे दिया था.
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