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यूपीए सरकार के सबसे अहम प्रोजेक्ट्स में से एक आधार कार्ड को एनडीए सरकार ने साल 2014 में लगभग नकार दिया था. लेकिन अब केंद्र सरकार ने आधार कार्ड पर अपना रुख बदल दिया है सुप्रीम कोर्ट को मनाने की कोशिश करने वाली है कि आधार कार्ड जारी रहे.
दरअसल आधार प्रोग्राम की वजह से “गुड गवर्नेंस एजेंडे को आगे बढ़ाने में मदद मिल रही है”. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक तकरीबन 47 करोड़ सरकारी लेनदेन इस साल आधार के जरिए हुए हैं.
अब सरकार सुप्रीम कोर्ट को मनाने की कोशिश कर रही है और कैबिनेट सेक्रेटरी एक ड्राफ्ट प्लान तैयार करने वाले हैं जिससे सरकारी पॉलिसियों में पहचान पत्र के लिए आधार कार्ड का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमान किया जाएगा.
निचले तबके के लोगों के लिए स्कीम ‘पहल’ में भी आधार डेटा का ही इस्तेमाल होता है. और सरकार के लिए अच्छी साबित हो रही गरीबों के लिए डायरेक्ट मनी ट्रांसफर स्कीम भी आधार प्लेफॉर्म का ही इस्तेमाल कर रहा है.
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