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प्रद्युम्न मर्डर केस में सीबीआई के इंवेस्टिगेशन में कई परतें सामने आ रही हैं. ताजा मामले में गुड़गांव पुलिस द्वारा सबूतों से छेड़छाड़ की बात सामने आई है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक गुड़गांव पुलिस ने केस में सबूतों को नष्ट किया है. न्यूज चैनल आज तक के मुताबिक, पुलिस SIT के चार पुलिसवाले शक के घेरे में हैं.
रेयान इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ने वाले 7 साल के बच्चे प्रद्युम्न का आठ अक्टूबर को स्कूल में ही मर्डर कर दिया गया था. मर्डर स्कूल के बाथरूम में धारदार चाकू से गला रेतकर किया गया था.
प्रद्युम्न के मर्डर के कुछ घंटों बाद ही गुड़गांव पुलिस ने रेयान स्कूल में बस कंडक्टर अशोक को गिरफ्तार कर उसे कातिल घोषित कर दिया था. लेकिन सीबीआई जांच में कंडक्टर को निर्दोष पाया गया.
कंडक्टर अशोक के पिता अमीरचंद के मुताबिक उनके बेटे को बलि का बकरा बनाया गया था, उसे झूंठे आरोप में फंसाया गया. उन्होंने दोषी पुलिसवालों के खिलाफ जांच की मांग की और कहा कि वे उनके खिलाफ अदालत में जाएंगे. अमीरचंद का कहना है कि-
सीबीआई जांच में प्रद्युम्न का कातिल स्कूल का ही एक 11 वीं क्लास का छात्र पाया गया. सीबीआई के मुताबिक आरोपी छात्र ने गुनाह कबूल कर लिया है. 16 साल के छात्र को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने भी पेश किया गया है.
छात्र ने बताया कि उसने परीक्षाओं और पेरेंट्स-टीचर मीटिंग को टालने के लिए प्रद्युमन का कत्ल किया. हांलाकि प्रद्युम्न के पिता बरूण ठाकुर ने इस थ्योरी की जांच करने की बात कही है.
सीबीआई की जांच के तथ्य मीडिया में आने के बाद गुड़गांव पुलिस ने प्रेस कान्फ्रेंस कर अपनी सफाई दी थी. पुलिस ने कहा था कि सीबीआई को जांच उस वक्त सौंपी गई जब गुड़गांव पुलिस अपने तथ्य जुटा रही थी.
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