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वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का काम आज पूरा हो गया. इस बीच हिंदू पक्ष की तरफ से वादी लक्ष्मी के पति सोहनलाल आर्य ने दावा किया कि जिसकी नंदी प्रतीक्षा कर रही थी, वह बाबा मिल गए हैं. इसके बाद वकील हरिशंकर जैन "शिवलिंग" मिलने वाली जगह को सील करने की याचिका लेकर वाराणसी कोर्ट पहुंच गए. कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए तत्काल वाराणसी जिला प्रशासन को आदेश दिया कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है, उस स्थान को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया जाए.
याचिका में कहा गया था कि आज दिनांक 16-5-22 को शिवलिंग, मस्जिद कॉम्पलेक्स के अंदर दौरान कमीशन पाया गया है. यह बहुत ही महत्वपूर्ण साक्ष्य है, इसलिए सीआरपीएफ कमांडेंट को आदेशित किया जाए कि वह इसे सील कर दें. जिलाधिकारी वाराणसी को आदेशित किया जाए कि वहां मुसलमानों का प्रवेश वर्जित कर दें. मात्र 20 मुसलमानों को नमाज अदा करने की इजाजत दी जाए और उन्हें वजू करने से भी तत्काल रोक दिया जाए.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी को आदेशित किया जाता है कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है, उस स्थान को तत्काल प्रभाव से सील कर दें और सील किए गए स्थान पर किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित किया जाता है. जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी, पुलिस कमिश्नर को आदेशित किया जाता कि जिस स्थान को सील किया गया है, उस स्थान को संरक्षित एवं सुरक्षित रखने की पूर्णत व्यक्तिगत जिम्मेदारी उपरोक्त अधिकारियों की होगी.
जिलाधिकारी वाराणसी कौशल राज शर्मा ने ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण पर कहा कि वाराणसी के ज्ञानवापी, श्रृंगार गौरी कोर्ट कमिशन सर्वे को लेकर अगर किसी ने कोई बात कही है या किसी बात का दावा किया है तो यह उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती है. ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में कोर्ट कमिश्नर द्वारा रिपोर्ट पेश करने के बाद कोई भी बात कोर्ट के द्वारा ही बताई जाएगी. किसी की बात पर कोई ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है.
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