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बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में स्थित ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर इन दिनों सुर्खियां बटोर रहा है. कोर्ट के आदेश पर लगातार पांचवे दिन सोमवार को भी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) टीम ने लगभग पांच घंटे सर्वे का कार्य किया है. इस दौरान हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष से जुड़े लोग वहां मौजूद रहे. जहां एक तरफ हिंदू पक्ष के अधिवक्ता भी मौजूद थे तो वहीं दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष ने अपने अधिवक्ता को सर्वे में शामिल नहीं होने दिया.
सावन के पांचवें सोमवार पर बाबा विश्वनाथ के दरबार में आने वाली भीड़ को देखते हुए ASI की टीम कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह लगभग 11 बजे ज्ञानवापी पहुंची.
एएसआई की टीम तीनों गुंबद की थ्रीडी इमेजिंग, मैंपिग के साथ डिजिटल नक्शे में फोटोग्राफ को शामिल करेंगी. गुंबद और सीढ़ी का ताला खुलवाकर सर्वे कार्य किया गया.
वहीं हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया की यह एक वैज्ञानिक सर्वेक्षण है और अधिवक्ता आयोग के सर्वेक्षण से अलग है. यह सोचना गलत है कि हर दिन कुछ नया मिलेगा, क्योंकि संरचना और वास्तुकला का विस्तृत वैज्ञानिक अध्ययन हो रहा है.
जब एएसआई की रिपोर्ट आएगी तब हमें निष्कर्ष का पता चलेगा. उन्होंने कहा कि एएसआई की रिपोर्ट में दूध का दूध का पानी का पानी हो जाएगा. पूरे परिसर का सर्वे हो रहा है. एएसआई ने अपनी 42 सदस्यीय टीम को बांट दिया है.
अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी के मोहम्मद यासीन ने बताया कि जो लोग चाबी सौंपने की अफवाह फैला रहे हैं यह सरासर गलत है. टेक्निकल बात यह है कि चाबी सौंपना नहीं है, बल्कि ताला खोलने का काम हम ही करेंगे. उन्होंने बताया कि आज के सर्वे में हमारे अधिवक्ता शामिल नहीं हुए, उन्हें हम लोगों ने रोक दिया है.
मोहम्मद यासीन ने बताया कि सर्वे में भारतीय पुरातात्विक विभाग अपना काम ईमानदारी से कर रही है. ऐसे में वहां अधिवक्ता का कोई काम नहीं, इसी कारण उन्हें सर्वे में जाने से रोका गया है.
उधर हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि सर्वे का काम चल रहा है. सर्वे में अंजुमन इंतजामिया कमेटी भी सहयोग कर रही है. उन्होंने बताया कि रविवार को गुम्बद के पास सर्वे हुआ था आज भी वहां जांच हुई.
ज्ञानवापी के सर्वे में अब तक गुंबद के भीतरी, बाहरी और उसके आसपास मिले धार्मिक आकृतियों की फोटो और वीडियोग्राफी कराने के साथ मैपिंग भी हुई है. टीम ने मस्जिद के कंगूरों का अध्ययन किया और इसकी बनावट आदि की मैपिंग की है.
ज्ञानवापी परिसर के अंदर एएसआई की चार टीमों ने अलग-अलग हिस्सों में दीवारों, छत, ताखा व खंभों पर अंकित चित्रों को देखा. साथ ही उनके आकार, प्रकार को रिकॉर्ड में दर्ज कर वीडियोग्राफी भी कराई गई.
एएसआई टीम को गुंबदों के सर्वे के दौरान गोलाकार छत में नागर शैली की डिजाइनें मिली हैं.
ज्ञानवापी के हॉल में तीनों गुंबद की डिजाइनों की भी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई गई. बता दें कि जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत के आदेश पर एएसआई टीम को अपनी सर्वे रिपोर्ट दो सितंबर तक दाखिल करनी है. टीम को ज्ञानवापी का सर्वे करने में दो सप्ताह से अधिक का समय लग सकता है.
(Input- चंदन पांडेय)
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