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अखिल भारतीय हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी की ओर से विवादित बयान दिए जाने के बाद पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों लोगों ने सड़कों पर उतरकर कमलेश तिवारी के बयान पर विरोध जताया है.
सड़कों पर उतरे मुस्लिम समुदाय के आक्रोशित लोगों ने पुलिस और सीमा सुरक्षा बल के वाहनों में आग लगा दी. मालदा के कालियाचक पुलिस थाना इलाके के सूजापुर में हिंसक भीड़ ने भारी तोड़फोड़ की.
हजारों प्रदर्शनकारियों ने हिंदू नेता कमलेश तिवारी की ओर से पैगंबर मोहम्मद के लिए अपमानजनक टिप्पणी करने के खिलाफ राष्ट्रीय राजमार्ग 34 पर हरे रंग के झंडे लेकर विरोध मार्च निकाला और नारेबाजी की.
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदू महासभा के अध्यक्ष कमलेश तिवारी ने एक प्रेस नोट जारी कर पैगंबर मोहम्मद को दुनिया का पहला समलैंगिक बताया था.
मालदा में प्रदर्शनकारियों ने विरोध के दौरान उत्तर बंगाल राज्य परिवहन निगम की बस में आग लगा दी, जिसके बाद हिंसा भड़क गई.
घटना की सूचना पर जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. इलाके में तनाव फैलने के बाद दुकानों को बंद करा दिया गया है. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है.
एक पुलिस अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि उपद्रवियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है, लेकिन अभी तक कोई भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.
मालदा में भड़की सांप्रदायिक हिंसा पर बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा है. बीजेपी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि हिंसा भड़काने के लिए जिम्मेदार लोगों को संरक्षण दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि जो लोग नियंत्रण से बाहर हैं और सांप्रदायिक तनाव बढ़ा रहे हैं, उनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए, जिससे शांति कायम रह सके.
बीजेपी नेता ने पश्चिम बंगाल सरकार पर उपद्रवियों के साथ नरमी बरते जाने का आरोप लगाया है.
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