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बेंगलुरु, 18 जनवरी (आईएएनएस)| भारत के जाने माने इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने शनिवार को कहा कि हिंदुत्ववादी ताकतों से लड़ने के लिए देश को एक विश्वसनीय विपक्ष चाहिए, जो उनकी नजर में राहुल गांधी के नेतृत्व में नहीं हो सकता।
गुहा ने आईएएनएस से कहा, "मुझे ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ हमें एक विश्वसनीय और निरंतर विपक्ष की जरूरत है और राहुल गांधी इस प्रकार के विपक्ष का नेतृत्व नहीं कर सकते।"
हालांकि, कौन यह कर सकता है, इस पर कहने से वह बचे और कहा कि यदि नेहरू-गांधी की विरासत चली जाती है तो एक विश्वसनीय नेतृत्व कांग्रेस पार्टी के भीतर या बाहर उभर सकता है।
गुहा ने कहा, "गांधीवादी एक विश्वसनीय नेतृत्व के उदय को दबा रहे हैं। मेरा मानना है कि हिंदुत्ववादी ताकतों से लड़ने के लिए देश को एक विश्वसनीय विपक्ष चाहिए। हिंदुत्ववादी ताकतें भारत को नुकसान पहुंचा रही हैं और अनियंत्रित हिंदुत्व देश को बर्बाद कर देगा।"
गुहा के अनुसार, पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए यह स्पष्ट है कि राहुल गांधी उस विपक्ष का नेतृत्व नहीं कर सकते हैं, जो भारतीय जनता पार्टी और हिंदुत्ववादी ताकतों को रोक सके।
केरल में शुक्रवार को एक साहित्य उत्सव में दक्षिणपंथी राजनीति के कट्टर आलोचक गुहा ने राहुल गांधी को 'पांचवीं पीढ़ी का वंशज' बताया। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर उन्हें मेहनती और स्व-निर्मित व्यक्ति करार दिया।
उन्होंने कहा, "निजी तौर पर मेरी राहुल गांधी से कोई दुश्मनी नहीं है, वह एक शिष्ट और सभ्य व्यक्ति हैं। लेकिन युवा भारत को एक पांचवीं पीढ़ी का वंशज नहीं चाहिए। यदि आप मलयाली लोग 2024 में राहुल गांधी को फिर चुनने की गलती करते हैं, तो ऐसा करके आप केवल नरेंद्र मोदी को फायदा पहुंचाएंगे।"
गुहा ने कहा, "क्योंकि नरेंद्र मोदी का सबसे बड़ा फायदा यही है कि वह राहुल गांधी नहीं हैं।"
इतिहासकार गुहा के अनुसार, मोदी ने 15 साल तक गुजरात को चलाया, उनके पास अच्छा प्रशासनिक अनुभव है। "वे कड़ी मेहनत करते हैं और कभी छुट्टी मनाने यूरोप नहीं जाते।"
राजनीतिक गतिविधि के वर्षो का विश्लेषण करने के बाद गुहा ने कहा कि वह भविष्य नहीं देख सकते, लेकिन वर्तमान में जो दिख रहा है, उसका वर्णन कर सकते हैं। उन्होंने कहा, "यह स्पष्ट है कि राहुल गांधी एक विश्वसनीय नेता नहीं हो सकते।"
केरल में हुए एक साहित्य समारोह में शुक्रवार को दिए संबोधन को लेकर एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए इतिहासकार ने कहा, "मैंने वहां एक घंटे तक बात की और एक समाचार एजेंसी के पत्रकार ने उससे केवल दो वाक्यों को लिया। एक घंटे की पूरी बातचीत को सुनें और तब इसके बारे में लिखें।"
गुहा ने कहा कि उन्होंने इंडिया टुडे के मंच पर भाषावाद और धार्मिक बहुसंख्यकों को लेकर एक घंटे का भाषण दिया। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे पहले पूरा भाषण सुनें और उसके बाद ही अपनी प्रतिक्रिया दें।
उनका यह भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। उनकी टिप्पणी को लेकर कई ट्विटर और रिट्वीट हुए हैं। लोग इस पर कमेंट कर रहे हैं।
सतीश के.एस. ने ट्वीट किया, "रामचंद्र गुहा ने यह मान लिया है कि राहुल गांधी किसी काम के नहीं और वामपंथी देशद्रोही हैं।"
पलटवार करते हुए चीनू महापात्रा ने इतिहासकार के बारे में ट्वीट किया, "मुझे पता है कि वह एक घृणित व्यक्ति हैं, जो मोदी की ओर से बोल रहे हैं।"
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