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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपने दो दिवसीय बिहार दौरे के क्रम में दूसरे दिन शनिवार को भारत नेपाल बॉर्डर पहुंचे और फतेहपुर में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के फतेहपुर, पेकटोल, बेरिया, आमगाछी और रानीगंज की सीमा चौकियों के उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने जवानों की हौसला अफजाई की।
उन्होंने उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जब खुली सीमा हो तो जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।
शाह ने कहा कि सीमा सशस्त्र बल के जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली में बैठकर कोई सोचता है कि आपका सबसे आसान काम है, हमारे दोनों देशों नेपाल और भूटान के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध हैं, लेकिन जब कोई सीमा पर आता है तो उसे पता चलता है कि आपकी सबसे कठिन ड्यूटी है।
यह एक खुली सीमा है। उन्होंने कहा कि खुली सीमा हो तो जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। रिश्ते कितने भी दोस्ताना हों, भले ही पड़ोसी देशों के इरादे गलत न हों, लेकिन समाज में कुछ ऐसे तत्व हैं जो काली कमाई के लिए खुली सीमाओं का इस्तेमाल करते हैं। चाहे वह तस्करी, पशु तस्करी या घुसपैठ हो।
उन्होंने कहा कि एसएसबी के लिए सीमावर्ती इलाकों के गांव ही सहारा होते है, जिनसे संपर्क और सूचना मिलती है।
गृह मंत्री ने कहा कि आज बिहार और झारखंड में नक्सलवाद समाप्ति के कगार पर है या यूं कहे समाप्त हो गया है। इस कार्य में एसएसबी के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता है।
उन्होंने कहा की आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर भी एसएसबी के जवानों ने 10 लाख तिरंगे का वितरण किया और फहराया। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यों से भी लोगों से एक अटूट रिश्ता बनता है।
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