Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Delhi MCD Election: कैसे मेयर चुनते हैं नवनिर्वाचित पार्षद?

Delhi MCD Election: कैसे मेयर चुनते हैं नवनिर्वाचित पार्षद?

जानिए, नवनिर्वाचित पार्षद कैसे चुनेंगे दिल्ली का मेयर

IANS
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नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद नए मेयर की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है। चार दिसंबर को हुए निकाय चुनाव में आप ने 134 वार्ड जीते थे, जबकि भाजपा को 109 और कांग्रेस को नौ वार्ड मिले थे।

एमसीडी 7 अप्रैल, 1958 को संसद के एक अधिनियम के तहत अस्तित्व में आया। इससे पहले दिल्ली म्यूनिसिपल कमेटी, दिल्ली की प्रमुख निकाय थी। गुरु राधा किशन ने एमसीडी के पार्षद के रूप में लगातार सबसे लंबे समय तक सेवा की। दिल्ली के प्रथम निर्वाचित महापौर पं. त्रिलोक चंद शर्मा थे।

दिल्ली नगर निगम अधिनियम के अनुसार, स्थानीय शहरी निकाय के लिए हर पांच साल में चुनाव कराना अनिवार्य है, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि सत्ता में बने रहने के लिए कौन सी पार्टी बहुमत में है। अधिनियम की धारा 35 में कहा गया है कि नागरिक निकाय को प्रत्येक वित्तीय वर्ष की पहली बैठक में महापौर का चुनाव करना चाहिए।

हालांकि सदन में स्पष्ट बहुमत वाली पार्टी पार्षद का नाम मेयर पद के लिए मनोनीत कर सकती है। लेकिन, अगर कोई विपक्षी दल फैसले का विरोध करता है और अपने उम्मीदवार को नामांकित करता है, तो चुनाव होगा। यदि सत्ता में पार्टी से केवल एक उम्मीदवार है, तो उन्हें महापौर नियुक्त किया जाएगा। एक चुनाव के मामले में, सबसे अधिक वोट वाले उम्मीदवार को मेयर चुना जाएगा।

एमसीडी अधिनियम में यह भी अनिवार्य है कि नागरिक निकाय को अपने पहले वर्ष में एक महिला को महापौर के रूप में और तीसरे वर्ष में अनुसूचित जाति से एक निर्वाचित पार्षद का चुनाव करना चाहिए।

महापौर के चुनाव के लिए अलग-अलग नामांकन किए जाते हैं यदि अन्य दल सत्ताधारी दल द्वारा महापौर के लिए नामित नाम से संतुष्ट नहीं होते हैं। महापौर के लिए मतदान एक गुप्त मतदान के माध्यम से किया जाता है। उपराज्यपाल महापौर के चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी को नामित करता है। चूंकि निकाय चुनाव में दल-बदल विरोधी कानून लागू नहीं होता है, कोई भी पार्षद किसी भी उम्मीदवार को वोट दे सकता है।

हालांकि, पार्टियों के बीच टाई के मामले में चुनाव की देखरेख के लिए नियुक्त पीठासीन अधिकारी बहुत से विशेष ड्रॉ आयोजित करता है और जिस उम्मीदवार का नाम निकाला जाता है वह महापौर (मेयर) होगा।

--आईएएनएस

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