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हरियाणा में तो दोबारा भाजपा के सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया है लेकिन महाराष्ट्र में गठबंधन सहयोगी शिवसेना के नयी सरकार में बराबर की हिस्सेदारी मांगने से भगवा दल के लिये संतुलन साधना बड़ी चुनौती बनता दिख रहा है।
सूत्रों ने कहा कि इस पश्चिमी राज्य में भगवा गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश करने से पहले चीजों को अंतिम रूप देने के लिये भाजपा अध्यक्ष अमित शाह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ बातचीत कर सकते हैं।
भाजपा संसदीय बोर्ड ने गुरुवार को शाह को दोनों राज्यों में नई सरकार के गठन के लिये सभी जरूरी फैसले लेने के लिये अधिकृत किया था।
सूत्रों ने बताया कि शिवसेना के साथ दिवाली के बाद शीर्ष स्तर पर बातचीत हो सकती है।
महाराष्ट्र विधानसभा की 288 में से 161 सीटें जीतने के साथ भगवा गठबंधन ने बहुमत के लिये जरूरी आंकड़ा आसानी से पार कर लिया है लेकिन इस बार भाजपा की अपनी गठबंधन सहयोगी शिवसेना पर निर्भरता कुछ ज्यादा है क्योंकि पिछली बार जहां भाजपा की 122 सीटें थी वहीं इस बार उसके खाते में सिर्फ 105 सीटें आई हैं।
शिवसेना की सीटों का आंकड़ा भी पिछली बार के मुकाबले 63 से घटकर 56 हुआ है लेकिन राजग सरकार की स्थिरता के लिये उसकी भूमिका महत्वपूर्ण होने वाली है।
ठाकरे ने गुरुवार को भाजपा को लोकसभा चुनावों से पहले शाह के साथ बैठक में तय फॉर्मूले की याद दिलाई और कहा कि उन्होंने राज्य में गठबंधन के लिये 50-50 के फॉर्मूले का फैसला लिया था।
ठाकरे ने कहा, “हम कम सीटों (भाजपा के मुकाबले) पर लड़ने को सहमत हुए, लेकिन मैं हर बार भाजपा के लिये ऐसा नहीं कर सकता। मुझे अपनी पार्टी को भी आगे बढ़ाना है।”
अपनी वरिष्ठ सहयोगी पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में कहा कि नतीजों की घोषणा से पहले जैसा भाजपा ने दावा किया था, वैसा कोई “महा जनादेश” नहीं है और नतीजे वास्तव में “सत्ता के अहंकार” में डूबे लोगों पर एक चोट हैं।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने एक कार्टून अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया है। इसमें एक बाघ (शिवसेना के चुनाव चिह्न) को दिखाया गया है जिसने घड़ी (राकांपा का चुनाव चिह्न) का एक लॉकेट पहना हुआ है और अपने पंजे में लिए कमल के फूल (भाजपा के चुनाव चिह्न) को सूंघ रहा है।
उन्होंने यद्यपि संकेत दिया कि यह कार्टून मजाक में पोस्ट किया गया था।
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