Home News India क्या अदनान जैसे किसी को नागरिकता नहीं मिलेगी? CAB को लेकर 7 भ्रम
क्या अदनान जैसे किसी को नागरिकता नहीं मिलेगी? CAB को लेकर 7 भ्रम
CAB पर सोशल मीडिया पर चल रहे मिथकों की जांच करते हैं.
आलोक प्रसन्ना कुमार
भारत
Updated:
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नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन
(फोटो: AP)
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ज्यादातर लोगों ने नागरिकता संशोधन बिल का मसौदा नहीं पढ़ा है. (यहां तक कि वकीलों ने भी नहीं). इस आर्टिकल में नागरिकता संशोधन बिल 2019 को लेकर सोशल मीडिया पर चल रहे मिथकों की जांच करते हैं.
ये बिल सिर्फ उन लोगों के लिए है जो अवैध प्रवासी हैं, जो इन चार पैमानों पर खरे उतरते हैं. पहला- वो गैर-मुस्लिम हो. दूसरा- वो अफगानिस्तान, बांग्लादेश और बांग्लादेश से आए हों. तीसरा- जो भारत दिसंबर 2014 के पहले भारत आए हों. चौथा- जिसने फॉरेनर्स एक्ट या पासपोर्ट एक्ट का इस्तेमाल न किया हो.
ये बिल सभी राष्ट्रों के मुसलमानों को भारत का आम नागरिक बनने से नहीं रोकता है. जो कानूनी रास्ता है जैसे अदनान सामी नागरिकता कानून के सातवें प्रावधन से भारत के नागरिक बने हैं. वो अभी भी कानून में शामिल रहेगा.
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CAB अपने आप नागरिकता नहीं देता
ऐसे 30 हजार से ज्यादा लोग नहीं होंगे जो ऊपर दी गईं शर्तों को पूरा करते हों. अगर उनको नागरिकता चाहिए है तो वो अपने आप नहीं मिल जाएगी. उनको इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
CAB किसी को खुद-ब-खुद नागरिक नहीं बना देता. 30 हजार उम्मीदवरों को अगर नागरिकता स्वतः नहीं दी जाती है, तो उनको इसके लिए आवेदन करना होगा. ये ज्यादातर अवैध प्रवासियों को आवेदन करने तक से रोकता है.
नागरिकता संशोधन बिल से पहले से मौजूद किसी भारतीय नागरिक की नागरिकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
ये NRC नहीं हैं. नागरिकता संशोधन बिल में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर का कोई जिक्र नहीं हैं.
CAB ऐसे किसी भी व्यक्ति की मदद नहीं करेगा जो असम में एनआरसी से बाहर है. दरअसल आगे राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी भी लाया जाता है तो कैब उन लोगों की मदद नहीं करेगा जो प्रकिया से बाहर रह जाएंगे.