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9/11 हमले की आज 18वीं बरसी है, 11 सितंबर 2001 यानी ठीक 18 साल पहले दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका पर ऐसा हमला हुआ, जिसने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था. अमेरिका की शान माना जाने वाला वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पलभर में राख का ढेर बन गया और हजारों लोग अपनी जान गंवा बैठे थे.
आतंकवादियों ने दो विमानों को वर्ल्ड ट्रेंड सेंटर से टकरा दिया था और एक विमान से पेंटागन पर हमला किया था. इन विमानों में सवार यात्रियों समेत करीब 3000 लोगों की मौत हुई थी.
दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश पर हमला इस तरह से होगा किसी ने सोचा भी नहीं था. वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए ये दिन भी आम दिनों की तरह ही था. लेकिन एक पल में ही उनकी जिंदगी खत्म हो गई. सुबह करीब 8:46 पर न्यूयॉर्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी टॉवर में जेट एयरलाइंस के विमान को आतंकवादियों ने टकरा दिया.
लोग अपनी जान बचाने के लिए वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की खिड़कियों से कूदने लगे.
पहला धमाका होने पर किसी ने नहीं सोचा था कि ये कोई आतंकी हमला है, लेकिन दूसरे और फिर उसके चंद लम्हों बाद हुए तीसरे धमाके से साफ हो गया था ये अमेरिका पर इतिहास का सबसे बड़ा हमला है.
चंद मिनटों में वर्ल्ड ट्रे़ड सेंटर राख के ढेर में तब्दील हो चुका था और बस सुनाई दे रही थी, चीखें. वो चीखें जो दर्द की थीं, अपनों के खोने के गम की थीं. अमेरिका के इतिहास में ये काला दिन दर्ज हो गया. ये दिन वो सदियों तक नहीं भूल पाएगा.
जो लोग जिंदा बच गए थे, उन्हें मिला था जिंदगी भर का जख्म, जिसे वो ताउम्र नहीं भूल पाएंगे.
इस हमले में करीब 3000 लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे.
हमले के बाद जिंदा बचे लोगों के लिए ये दूसरा जन्म था
इस आतंकी हमले में कई परिवार तबाह हो गए, किसी के सिर से पिता का साया उठ गया, तो किसी की मां ये दुनिया छोड़ गई.
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