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तमिलनाडु विधानसभा में 234 सदस्य
AIADMK सरकार के पास 234 में 114 सदस्यों का समर्थन
DMK और उनके सहयोगियों के 97 विधायक
अयोग्य ठहराए गए सभी 18 विधायक दिनाकरण कैंप के
तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष की ओर से AIADMK के 18 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को मद्रास हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है.
ये 18 विधायक शशिकला-दिनाकरण गुट का समर्थन कर रहे थे. ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष पी.धनपाल ने इन्हें एंटी-डिफेक्शन लॉ के अंतर्गत अयोग्य घोषित कर दिया था. बाद में इन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को मद्रास हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.
तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष धनपाल ने AIADMK के 18 विधायकों को पिछले साल सितंबर में अयोग्य घोषित कर दिया था. अध्यक्ष की कार्रवाई के खिलाफ अयोग्य विधायक कोर्ट पहुंचे थे. अयोग्य ठहराए गए विधायकों ने सितंबर 2017 में कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
इसके बाद यह मामला मद्रास हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा.
हाईकोर्ट के फैसले से तमिलनाडु की ईपीएस पलानीसामी सरकार पर बना खतरा फिलहाल टल गया है.
AIADMK समर्थकों ने 18 बागी विधायकों की सदस्यता को अयोग्य बरकार रखने के फैसले का स्वागत किया है. मद्रास हाई कोर्ट के तमिलनाडु विधानसभा स्पीकर के फैसले पर मुहर लगाने के बाद समर्थकों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर और पटाखे चलाकर खुशियां बांटी.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीसामी ने 18 बागी विधायकों को लेकर मद्रास हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. पलानीसामी ने कहा, ‘हम हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. अगर इन 18 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होते हैं तो अम्मा की सरकार इन सभी सीटों पर जीत दर्ज कराएगी. बाकी अभी इस पर चुनाव आयोग को फैसला लेना है.’
AIADMK के 18 बागी विधायकों की सदस्यता अयोग्य ठहराए जाने के बाद डीएमके चीफ एमके स्टालिन ने उप चुनाव कराए जाने की मांग की है. स्टालिन ने कहा, ‘लोकतंत्र सुरक्षित रहना चाहिए. दो सीटें पहले से ही खाली हैं. अब मद्रास हाई कोर्ट के फैसले से 18 सीटें और खाली होती दिख रहीं हैं. ऐसे में अब चुनाव आयोग को जल्द फैसला लेते हुए जल्द से जल्द इन खाली सीटों पर उपचुनाव कराना चाहिए.’
18 विधायकों की अयोग्यता को हाई कोर्ट से वैध ठहराए जाने पर टीटीवी दिनाकरण ने कहा कि कोर्ट का फैसला उनकी हार नहीं है. उन्होंने कहा कि अगला फैसला लेने से पहले वह सभी विधायकों से चर्चा करेंगे.
दिनाकरण ने कहा, ‘इससे हमें राजनीतिक अनुभव मिला है. हम हालात का सामना करेंगे.’ हाईकोर्ट के फैसले के बाद 18 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने का रास्ता साफ हो गया है.
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