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1984 सिख दंगा: सज्जन कुमार ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

सज्जन कुमार को हाईकोर्ट ने उम्र कैद (मरने तक) की सजा दी है

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भारत
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सिख दंगों में दोषी करार दिए जाने के बाद सज्जन कुमार ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा
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सिख दंगों में दोषी करार दिए जाने के बाद सज्जन कुमार ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा
(फोटोः PTI)

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दिल्ली हाईकोर्ट से दोषी ठहराए जाने के बाद सिख दंगों में आरोपी, पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. बता दें हाईकोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा दी है.

पीटीआई के मुताबिक, दंगा पीड़ितों की वकील HS फुल्का ने बताया कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री से खबर पहुंचाई गई है कि सज्जन कुमार ने हाईकोर्ट फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है.


राज नगर दंगों में आया था फैसला...

1984 के सिख दंगों के दौरान दिल्ली के राजनगर में एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या की गई थी. मामले में निचली अदालत ने पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर, गिरधारी लाल और रिटायर्ड नौसेना के अधिकारी कैप्टन भागमल के अलावा 2 लोगों को दोषी करार दिया था लेकिन कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को सबूतों की कमी की वजह से बरी कर दिया था. फिर केस हाईकोर्ट में पहुंचा था.

17 दिसंबर को हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को दोषी करार देते हुए, अजीवन उम्रकैद (मरने तक) की सजा सुनाई थी. साथ ही 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इसके अलावा हाईकोर्ट ने दो और दोषियों की सजा 3 साल से बढ़ाकर 10 साल कर दी है.

आरोपी को संरक्षण मिला और ट्रॉयल से बचा: HC

हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अपनी टिप्पणी में कहा,

<b>1947 की गर्मियों में, विभाजन के दौरान, कई लोगों की हत्या कर दी गई थी. 37 साल बाद दिल्ली ने वैसा ही डरावना नजारा देखा था. अभियुक्त ने राजनीतिक संरक्षण का आनंद लिया और ट्रायल से बच निकला.</b>
हाईकोर्ट की टिप्पणी
<b>यह एक असाधारण मामला था, जहां सामान्य तरीके से सज्जन कुमार के खिलाफ आगे बढ़ना असंभव था, क्योंकि उनके खिलाफ मुकदमा रोकने के लिए बड़े पैमाने पर कोशिशें चल रही थीं. उस समय प्रधानमंत्री की हत्या के बाद जो हुआ वो अविश्वसनीय और डरावना नरसंहार था, जिसमें अकेले दिल्ली में 2,700 से ज्यादा सिखों की हत्या हुई थी. कानून और व्यवस्था साफ तौर पर टूट गई थी आज भी उस दर्द को महसूस किया जा सकता है.</b>
हाईकोर्ट की टिप्पणी

हाईकोर्ट ने 21 दिसंबर को सज्जन कुमार की उस याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने सरेंडर करने की तारीख 30 जनवरी तक बढ़ाने की अपील की थी. उन्हें अब 31 दिसंबर तक सरेंडर करना होगा.

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