Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019व्यापम पुलिस भर्ती घोटालाःसभी 31 आरोपी दोषी करार,25 को सजा का ऐलान

व्यापम पुलिस भर्ती घोटालाःसभी 31 आरोपी दोषी करार,25 को सजा का ऐलान

CBI की स्पेशल कोर्ट ने सभी आरोपियों को पाया दोषी

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
(फोटोः यू  ट्यूब)
i
(फोटोः यू ट्यूब)
null

advertisement

मध्य प्रदेश में व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) द्वारा साल 2013 में आयोजित पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी के मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के जज एस.बी. साहू ने गुरुवार को 31 लोगों को दोषी करार दिया. सजा का ऐलान 25 नवंबर को किया जाएगा. दोषी ठहराए गए आरोपियों में से ज्यादातर भिंड, मुरैना और कानपुर के रहने वाले हैं.

सूत्रों के मुताबिक, पुलिस कांस्टेबल भर्ती मामले की पहली प्राथमिकी इंदौर के राजेंद्र नगर थाने में दर्ज की गई थी. उसके बाद यह मामला एसटीएफ और फिर सीबीआई के पास पहुंचा. सीबीआई ने इस परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में 31 लोगों को आरोपी बनाया था. इस मामले में गवाही साल 2014 से शुरू हुई और पांच साल तक गवाही चली.

जेल भेजे गए सभी दोषी

सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के जज साहू द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद सभी आरोपियों के चेहरों पर मायूसी छा गई. उसके बाद दोषियों को जेल भेज दिया गया. दोषी करार दिए गए आरोपियों ने बाहर आकर मीडिया से बातचीत के दौरान खुद को निर्दोष बताया. इस मामले में सजा 25 नवंबर को सुनाई जाएगी.

क्या है पूरा मामला?

व्यापम में गड़बड़ी का बड़ा खुलासा सात जुलाई, 2013 को पहली बार पीएमटी परीक्षा के दौरान तब हुआ, जब एक गिरोह इंदौर की अपराध शाखा की गिरफ्त में आया. यह गिरोह पीएमटी परीक्षा में फर्जी विद्यार्थियों को बैठाने का काम करता था. तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले को अगस्त, 2013 में एसटीएफ को सौंप दिया था.

बाद में हाई कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया और उसने हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज चंद्रेश भूषण की अध्यक्षता में अप्रैल, 2014 में एसआईटी गठित की, जिसकी देखरेख में एसटीएफ जांच करता रहा. नौ जुलाई, 2015 को मामला सीबीआई को सौंपने का फैसला हुआ और 15 जुलाई से सीबीआई ने जांच शुरू की.

तत्कालीन सरकार के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, उनके ओएसडी रहे ओपी शुक्ला, बीजेपी नेता सुधीर शर्मा, राज्यपाल के ओएसडी रहे धनंजय यादव, व्यापम के नियंत्रक रहे पंकज त्रिवेदी, कंप्यूटर एनालिस्ट नितिन मोहिंद्रा जेल जा चुके हैं.  

यह बड़ा चर्चित मामला रहा है, जिसमें लगभग ढाई हजार को आरोपी बनाया गया, इनमें से कुल 2100 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. वहीं, इससे जुड़े 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. मरने वालों में एक निजी समाचार चैनल के खोजी पत्रकार अक्षय सिंह भी शामिल हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 21 Nov 2019,06:50 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT