Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-20192018 : दस साल में मजहबी हिंसा और मौतों का सबसे बड़ा तांडव

2018 : दस साल में मजहबी हिंसा और मौतों का सबसे बड़ा तांडव

धर्म के नाम पर सबसे ज्यादा हेट क्राइम योगी शासन में

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
2018 का साल हेट क्राइम के लिहाज से सबसे खराब साल रहा 
i
2018 का साल हेट क्राइम के लिहाज से सबसे खराब साल रहा 
फोटो : द क्विंट 

advertisement

धर्म के आधार पर लोगों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को मामले में 2018 पिछले एक दशक का सबसे खराब साल रहा. 26 दिसंबर 2018 तक देश में धर्म के आधार पर हिंसा की 93 घटनाएं हुईं. हिंसा की इन घटनाओं मे 30 लोग मारे गए और 205 लोग घायल हो गए. 2009 के बाद इस तरह की हिंसा के शिकार लोगों की यह सबसे ज्यादा तादाद है. हेट क्राइम के 75 फीसदी मामलों के शिकार अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखते हैं.

धर्म के नाम पर हेट क्राइम का यह आंकड़ा हेट क्राइम वॉच का है जो Factcheck.in और अमन बिरादरी के नेतृत्व में धर्म के नाम पर हेट क्राइम की घटनाओं पर नजर रखता है. Newsclick.in भी इसमें सहयोगी है.

धर्म के नाम पर सबसे ज्यादा हेट क्राइम योगी शासन में

2017 में धर्म के नाम पर हेट क्राइम में 29 लोगों की मौत हो गई थी. लेकिन 2018 में यह 30 हो गई. इस तरह के सबसे ज्यादा हमले योगी आदित्यनाथ की अगुआई वाले उत्तर प्रदेश में हुए

  • यूपी 27 बीजेपी सरकार
  • बिहार 10 जेडीयू-बीजेपी सरकार
  • राजस्थान 7 बीजेपी सरकार (हाल में कांग्रेस सरकार बनी है)
  • गुजरात 7 बीजेपी सरकार ( हाल में कांग्रेस सरकार बनी है)
  • कर्नाटक 7 कांग्रेस कांग्रेस-जेडीएस सरकार

उत्तर प्रदेश और राजस्थान में इन हमलों में चार-चार लोगों की मौत हुई. कर्नाटक में तीन और बीजेपी शासित झारखंड में भी तीन लोगों की मौत हो गई.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

तीन चौथाई हमलों के शिकार अल्पसंख्यक

2018 में हिंसा की 81 घटनाओं में 60 फीसदी के शिकार मुस्लिम थे और 14 फीसदी ईसाई. एक मामले में एक सिख को निशाना बनाया गया. यानी 2018 में इस तरह की हिंसा के 75 फीसदी मामलों के शिकार अल्पसंख्यक थे. 20 फीसदी मामलों में हिंसा के शिकार हिंदू थे.

2009 से हिंसा के आंकड़ों को देखें तो 66 फीसदी मामलों के शिकार मुसलमान हैं. ईसाई 17 फीसदी हमलों के शिकार हुए हैं और हिंदू जो आबादी का 80 फीसदी हैं वे 16 फीसदी मामलों में हिंसा के शिकार हुए हैं.

हमलों के 60 फीसदी शिकार मुसलमान

2018 में धर्म के नाम पर हिंसा में 30 लोगों की मौत हो गई. इनमें 18 यानी 60 फीसदी मुसलमान हैं. 2009 से अब तक ऐसे हमलों में 100 लोग मारे गए हैं. इनमें 65 फीसदी मुस्लिम हैं. 27 हिंदू और चार ईसाई हैं. 2009 से अब तक ऐसे हमलों की संख्या 191 है. इनमें में से 156 में हमलावर हिंदू थे. 33 हमले मुसलमानों ने किए थे. 89 घटनाओं के बारे में यह पता नहीं है कि हमलावर किस धर्म के है.

2018 के हेट क्राइम मामलों में 25 फीसदी सांप्रदायिक टकराव

2018 में हेट क्राइम की चार घटनाओं में से एक धार्मिक नफरत की भावनाओं से प्रेरित था. 2009 अब तक 75 हमले गोरक्षा के नाम पर हुए हैं. 26 हमले धर्मांतरण से जुड़े विवादों की वजह से हुई

इनपुट : Factchecker

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT