Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019इकबाल अंसारी की मांग - अयोध्या में मंदिर के पास ही बने मस्जिद

इकबाल अंसारी की मांग - अयोध्या में मंदिर के पास ही बने मस्जिद

केंद्र सरकार ने 1991 में विवादित स्थल सहित 67 एकड़ की इस जमीन का अधिग्रहण किया था.

क्‍व‍िंट हिंदी
भारत
Updated:
बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी 
i
बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी 
(फोटोः ANI)

advertisement

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत मस्जिद बनाने के लिए दी जाने वाली पांच एकड़ जमीन अयोध्या में 67 एकड़ की अधिग्रहण की गई जमीन के अंदर होनी चाहिए. कई अन्य स्थानीय मुस्लिम नेताओं के साथ मामले में मुकदमे के मुख्य पक्षकार इकबाल अंसारी ने ये मांग की है. केंद्र सरकार ने 1991 में विवादित स्थल सहित इस जमीन का अधिग्रहण किया था.

“अगर वे हमें जमीन देना चाहते हैं, तो उन्हें हमारी सुविधा के अनुसार हमें देना होगा और केवल 67 एकड़ की उस अधिग्रहित भूमि में. फिर हम इसे ले लेंगे, वरना हम इस प्रस्ताव को नामंजूर कर देंगे, क्योंकि लोग कह रहे हैं ‘चौदह कोस बाहर जाओ, और वहां मस्जिद बनाओ’. यह ठीक नहीं है.”
इकबाल अंसारी  

कई मुस्लिम नेताओं ने यही मांग की

स्थानीय मौलवी, मौलाना जलाल अशरफ ने कहा कि मुसलमान मस्जिद बनाने के लिए खुद ही जमीन खरीद सकते हैं, इसके लिए वे सरकार पर निर्भर नहीं हैं.
अखिल भारतीय मिल्ली काउंसिल के महासचिव खालिक अहमद खान ने इसी तरह विचार जाहिर किए. उन्होंने कहा, "अगर अदालत या सरकार कुछ हद तक हमारी भावनाओं को शांत करना चाहती है, तो अधिग्रहित क्षेत्र में पांच एकड़ जमीन दी जानी चाहिए क्योंकि 18 वीं शताब्दी के सूबे के संत काजी कुदवाह की दरगाह सहित कई कब्रें उस इलाके में हैं,"

मुस्लिम पक्ष में से एक वादी रहे हाजी महबूब ने कहा, "हम इस लालीपॉप को स्वीकार नहीं करेंगे. उन्हें साफ करना होगा कि वे हमें कहां जमीन देना चाहते हैं." अयोध्या नगर निगम के पार्षद हाजी असद अहमद ने कहा कि समुदाय बाबरी मस्जिद के बदले में कोई अन्य जमीन नहीं चाहता है.

हाजी असद अहमद ने कहा “अगर अदालत या सरकार मस्जिद के लिए जमीन देना चाहते हैं, तो उन्हें 67 एकड़ के अधिग्रहित क्षेत्र में देना होगा, वरना हम दान नहीं चाहते हैं.”

जमीयत उलेमा हिंद के अयोध्या अध्यक्ष मौलाना बादशाह खान ने कहा कि मुस्लिम पक्ष बाबरी मस्जिद के लिए मुकदमा लड़ रहा था, किसी अन्य भूमि के लिए नहीं. उन्होंने कहा, "हमें मस्जिद के लिए कोई जमीन नहीं चाहिए. इसके बजाय हम ये जमीन भी राम मंदिर के लिए देते हैं."

सामाजिक कार्यकर्ता यूसुफ खान ने कहा कि यह मुद्दा अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बंद हो गया है और मस्जिद के लिए अतिरिक्त जमीन की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, "हमारी धार्मिक जरूरतों को पूरा करने के लिए अयोध्या में काफी मस्जिदें हैं. शीर्ष अदालत ने राम मंदिर के पक्ष में अपना फैसला दिया है. यह मुद्दा अब खत्म हो चुका है."

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

मस्जिद के लिए जमीन की जगह ढूंढ रही UP सरकार

सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रस्तावित मस्जिद के लिए अयोध्या और उसके आसपास वैकल्पिक साइटों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "हमें मस्जिद के लिए जमीन को प्रमुख और आकर्षक जगह पर खोजने के लिए कहा गया है." हालांकि, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने जमीन के मुद्दे पर चर्चा के लिए 26 नवंबर को लखनऊ में बैठक बुलाई है.

एक शताब्दी से ज्यादा समय से चले आ रहे इस मामले को सुलझाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को एक ऐतिहासिक फैसले में अयोध्या में विवादित स्थल पर एक सरकारी ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर के निर्माण का समर्थन किया, और फैसला सुनाया कि अयोध्या में एक मस्जिद बनाने के लिए वैकल्पिक पांच एकड़ की जमीन दी जानी चाहिए.

(इनपुट: PTI)

ये भी पढ़ें- अयोध्या पर ओवैसीः बाबरी मस्जिद अवैध थी तो आडवाणी पर मुकदमा क्यों?

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 11 Nov 2019,11:33 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT