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देश भारी आर्थिक संकट से गुजर रहा है. बेरोजगारी दर बढ़ती जा रही है. इसी बीच एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक ये बात सामने आई है कि पिछले 4 महीनों में 66 लाख वाइट कॉलर जॉब करनेवालों की नौकरियां चली गई हैं. मई से अगस्त के बीच 66 लाख लोग बेरोजगार हो गए हैं.
सीएमआई के वीकली एनालिसिस के आधार पर यह सर्वे जारी किया गया है. यह सर्वे हर चार महीने में किया जाता है. सैलरी उठाने वाले कर्मचारियों में सबसे बड़ा रोजगार का नुकसान व्हाइट कॉलर प्रोफेशनल और बाकी कर्मचारियों का हुआ है. जिसमें सॉफ्टवेयर इंजीनियर, डॉक्टर, टीचर, एकाउंटेंट समेत कई सेक्टर के पेशेवरों की नौकरी गई है, जो किसी प्राइवेट और सरकारी संस्था में नौकरी करते थे. हालांकि, इसमें योग्य स्वरोजगार वाले पेशेवर उद्यमी शामिल नहीं हैं.
सीएमआईई के मुताबिक,
हालांकि CMIE ने यह भी कहा है कि नौकरी जाने की वजह से लॉकडाउन के दौरान पिछले चार साल में रोजगार के मौकों में हुई बढ़ोतरी को नुकसान पहुंचा है.
सीएमआईआई के मुताबिक, सबसे ज्यादा नुकसान इंडस्ट्रियल वर्कर के मामले में हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है, "अगर साल-दर-साल आधार पर तुलना की जाए तो ऐसे 50 लाख लोगों ने नौकरियां गई हैं. इसका मतलब है कि एक साल पहले के मुकाबले इंडस्ट्रियल वर्कर के रोजगार में 26 फीसदी कमी आई है."
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