Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019टीचर, इंजीनियर, डॉक्टर, मई-अगस्त में गई 66 लाख की नौकरियां

टीचर, इंजीनियर, डॉक्टर, मई-अगस्त में गई 66 लाख की नौकरियां

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के मुताबिक 2016 के बाद से रोजगार (Employment) अपने सबसे निचले स्तर पर.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
बेरोजगारी दर सबसे निचल सत्र पर
i
बेरोजगारी दर सबसे निचल सत्र पर
(फाइल फोटो : रॉयटर्स)

advertisement

देश भारी आर्थिक संकट से गुजर रहा है. बेरोजगारी दर बढ़ती जा रही है. इसी बीच एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक ये बात सामने आई है कि पिछले 4 महीनों में 66 लाख वाइट कॉलर जॉब करनेवालों की नौकरियां चली गई हैं. मई से अगस्त के बीच 66 लाख लोग बेरोजगार हो गए हैं.

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की रिपोर्ट के मुताबिक 2016 के बाद से रोजगार अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई. इस दौरान 50 लाख इंडस्ट्रियल वर्कर को भी अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ा.

सीएमआई के वीकली एनालिसिस के आधार पर यह सर्वे जारी किया गया है. यह सर्वे हर चार महीने में किया जाता है. सैलरी उठाने वाले कर्मचारियों में सबसे बड़ा रोजगार का नुकसान व्हाइट कॉलर प्रोफेशनल और बाकी कर्मचारियों का हुआ है. जिसमें सॉफ्टवेयर इंजीनियर, डॉक्टर, टीचर, एकाउंटेंट समेत कई सेक्टर के पेशेवरों की नौकरी गई है, जो किसी प्राइवेट और सरकारी संस्था में नौकरी करते थे. हालांकि, इसमें योग्य स्वरोजगार वाले पेशेवर उद्यमी शामिल नहीं हैं.

सीएमआईई के मुताबिक,

“पिछले साल 2019 मई-अगस्त में नौकरी करने वाले व्हाइट कॉलर पेशेवरों की संख्या 1.88 करोड़ थी. इस साल मई-अगस्त के दौरान यह संख्या घटकर 1.22 करोड़ पर आ गई. 2016 के बाद यह इन पेशेवरों की रोजगार की सबसे कम दर है.”

हालांकि CMIE ने यह भी कहा है कि नौकरी जाने की वजह से लॉकडाउन के दौरान पिछले चार साल में रोजगार के मौकों में हुई बढ़ोतरी को नुकसान पहुंचा है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

इंडस्ट्रियल वर्कर के रोजगार में 26 फीसदी की कमी

सीएमआईआई के मुताबिक, सबसे ज्यादा नुकसान इंडस्ट्रियल वर्कर के मामले में हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है, "अगर साल-दर-साल आधार पर तुलना की जाए तो ऐसे 50 लाख लोगों ने नौकरियां गई हैं. इसका मतलब है कि एक साल पहले के मुकाबले इंडस्ट्रियल वर्कर के रोजगार में 26 फीसदी कमी आई है."

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT