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उत्तराखंड (Uttrakhand Disaster) में पिछले हफ्ते से शुरू हुई तेज बारिश और खराब मौसम की वजह से मरने वालों की संख्या पीटीआई के मुताबिक बढ़कर 68 हो गई है. हर्षिल और लमखागा दर्रे के पास दो ट्रेकिंग (Trekking) समूह के 11 लोग गायब हुए थे, जिनमें से बचाव दल ने 7 के शव बरामद कर लिये हैं. इनमें से 2 ट्रेकर्स को बचा लिया गया और 2 की तलाश अभी भी जारी है.
उत्तराखंड के कई इलाकों में अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन (rescue operation) चल रहा है. बागेश्वर (Bageshwar) के डीएम विनीत कुमार ने पीटीआई को बताया कि, एसडीआरएफ(SDRF) की टीमों ने पिंडारी ग्लेशियर (pindari glacier) के पास द्वाली से छह विदेशियों समेत 42 पर्यटकों और कफनी ग्लेशियर से 23 पर्यटकों को बचाया है.
कुमाऊं रीजन के डिवीजनल कमिश्नर सुशील कुमार ने पीटीआई को बताया कि, कुमाऊं क्षेत्र में तेज बारिश से 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को कहा था कि उत्तराखंड में लगातार बारिश से राज्य भर में 7,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
उत्तराखंड के टाइगर रिजर्व की उप निदेशक कल्याणी नेगी ने कहा कि, अगले पर्यटन सीजन के लिए बनी करीब 101 किमी सड़कों में से करीब 87 किमी सड़क बह गई है. इसके अलावा टाइगर रिजर्व में वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए बंदी वाहनों और ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
शुक्रवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली जिले के डूंगरी गांव का दौरा किया और आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि, कई लोगों ने अपने परिजनों को खो दिया है और उनके छोटे-छोटे बच्चे हैं. हम सुनिश्चित करेंगे कि उनकी हर संभव मदद करें और बच्चों की अच्छे से देखभाल की जाये.
इस दौरान सीएम के साथ आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह रावत और मंत्री सतपाल महाराज भी मौजूद रहे. फिलहाल उत्तराखंड में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है और लापता लोगों की तलाश की जा रही है.
नोट- नई जानकारी मिलने पर खबर को अपडेट किया जाएगा.
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