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दिल्ली: अफगानिस्तान NSA स्तर की बैठक- शांति, सुरक्षा और आतंकवाद पर हुई चर्चा

दिल्ली में हुई मध्य एशियाई देशों की मीटिंग में अफगानिस्तान में तालिबान की वजह से उभरती चुनौतियों पर हुई चर्चा

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भारत
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<div class="paragraphs"><p>अफगानिस्तान पर 8 देशों की मीटिंग-शांति, सुरक्षा और आतंकवाद पर हुई चर्चा</p></div>
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अफगानिस्तान पर 8 देशों की मीटिंग-शांति, सुरक्षा और आतंकवाद पर हुई चर्चा

(फोटो- ट्विटर) 

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अफगानिस्तान (Afghanistan) मुद्दे पर दिल्ली में विभिन्न देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मीटिंग (NSA Meeting) हुई, जिसकी अध्यक्षता भारत की ओर से अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने की.

इस बैठक में शामिल हुए आठ देशों के प्रतिनिधियों द्वारा की गई घोषणा में कहा गया है कि अफगान क्षेत्र का उपयोग किसी भी आतंकवादी ऑपरेशन, प्रशिक्षण देने या वित्तपोषण के लिए नहीं किया जाना चाहिए. मीटिंग में ये भी सुनिश्चित किया गया कि अफगानिस्तान को शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर बनाए जाने के प्रयास किए जाएं.

तालिबानी सरकार से पैदा हुई चुनौतियों पर चर्चा

अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार बनने के बाद सामने आने वाली मुख्य चुनौतियों पर आठ देशों के प्रतिनिधियों ने चर्चा की.

मीटिंग में भाग लेने के लिए मध्य एशिया के देशों में से कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान, ईरान और रूस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शामिल हुए.

गौरतलब है कि पाकिस्तान और चीन ने इस बैठक में शामिल होने से मना कर दिया था.

अफगानिस्तान मुद्दे पर बातचीत के दौरान कट्टरपंथ, उग्रवाद, अलगाववाद और ड्रग्स की तस्करी के खतरे के खिलाफ सामूहिक सहयोग का भी आह्वान किया गया. बैठक में सभी आतंकवादी गतिविधियों की कड़े शब्दों में निंदा की गई और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए दृढ़ निश्चय होने की पुष्टि की गयी.

वार्ता में अफगानिस्तान को निर्बाध, प्रत्यक्ष और सुनिश्चित तरीके से मानवीय सहायता प्रदान करने का भी आह्वान किया गया.

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महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों पर विशेष जोर

बैठक में भाग लेने वाले देशों ने अफगानिस्तान में उभरती स्थिति, इसके क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभावों पर चर्चा की और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का आह्वान किया कि अफगानिस्तान में महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यक समुदायों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन न हो.

सुरक्षा अधिकारियों ने यह भी कहा कि मानवीय सहायता अफगानिस्तान को निर्बाध, प्रत्यक्ष और सुनिश्चित तरीके से प्रदान की जानी चाहिए और यह सहायता देश के भीतर अफगान नागरिकों के सभी वर्गों में बिना भेदभाव की जानी चाहिए.

अपने ओपनिंग रिमार्क्स में, भारतीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि, अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम न सिर्फ अफगानों लोगों के लिए बल्कि क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं.

डोभाल ने कहा कि यह अफगानिस्तान में उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए क्षेत्रीय देशों के बीच घनिष्ठ परामर्श, अधिक सहयोग और समन्वय का समय है.

हम सभी उस देश के घटनाक्रम को देख रहे हैं, न केवल अफगानिस्तान के लोगों के लिए बल्कि उसके पड़ोसियों और क्षेत्र के लिए भी इसके महत्वपूर्ण निहितार्थ हैं.
अजीत डोभाल, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, भारत

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक अजीत डोभाल ने कहा कि ये हमारे बीच घनिष्ठ परामर्श, क्षेत्रीय देशों के बीच अधिक सहयोग और बातचीत व समन्वय का समय है.

मीटिंग के बाद हुई घोषणा में कहा गया है कि अधिकारियों ने अफगानिस्तान में शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर माहौल बनाने के लिए मजबूत समर्थन देने की बात कही.

विभिन्न देशों के राष्ट्रीय सलाहकारों ने अफगानिस्तान में उत्पन्न हुई चुनौतियों से अफगान लोगों की पीड़ा पर भी गहरी चिंता व्यक्त की और कुंदुज, कंधार और काबुल में आतंकवादी हमलों की निंदा की.

उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि अफगान क्षेत्र का उपयोग किसी आतंकवादी को पनाह देने, प्रशिक्षण देने, योजना बनाने या वित्तपोषण के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

अजीत डोभाल ने कहा कि 2018 में ईरान द्वारा शुरू की गई प्रक्रिया की यह तीसरी बैठक है, इसके लिए हम ईरान के आभारी हैं. सभी मध्य एशियाई देशों की भागीदारी के साथ आज के बैठक की अध्यक्षता करना भारत के लिए सौभाग्य की बात है.

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