Home News India आधार की कानूनी मान्यता बरकरार, लेकिन कई प्रावधानों में बदलाव: SC
आधार की कानूनी मान्यता बरकरार, लेकिन कई प्रावधानों में बदलाव: SC
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे ये अंतरिम आदेश
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भारत
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आधार पर सुप्रीम फैसला
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आधार की अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए आधार की कानूनी मान्यता बरकरार रखी है. लेकिन आधार एक्ट के कई प्रावधानों में बदलाव किए गए है. कोर्ट ने बैंक अकाउंट, मोबाइल से इसके लिंक करने को जरूरी नहीं बताया है. वहीें निजी कंपनियां अब आधार नहीं मांग सकती है. अदालत ने कई और प्रमुख बदलाव किए है.
आधार और इससे संबंधित 2016 के कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सीजेआई दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने करीब चार महीने के दौरान 38 दिन तक इन याचिकाओं पर सुनवाई की थी. कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई पूरी कर बीते 10 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
आधार पर हमला संविधान के खिलाफ
आधार से गरीबों को ताकत और पहचान मिली
आधार आम नागरिक की पहचान है
मोबाइल फोन से आधार लिंक करना जरूरी नहीं
बैंक अकाउंट से मोबाइल लिंक करना जरूरी नहीं
स्कूलों में एडमिशन के लिए आधार जरूरी नहीं
बोर्ड एग्जाम के लिए आधार जरूरी नहीं
पैन से आधार लिंक करना जरूरी होगा
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कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला का रिएक्शन
फैसले पर पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी ने कहा-
आधार फैसले पर प्रशांत भूषण की राय
आधार फैसले पर बोले शशि थरूर
UGC, NEET और CBSE Exam के लिए आधार अनिवार्य नहीं
आधार मामले पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यूजीसी, NEET और सीबीएसई एग्जाम के लिए आधार जरूरी नहीं है.
आज की तारीख में आधार एक्ट में ऐसा कुछ भी नहीं, जो राइट टू प्राइवेसी का उल्लंघन करता हो.
घुसपैठियों को सरकार न बांटे आधार
बोर्ड एग्जाम में बैठने लिए CBSE नहीं मांग सकती आधार
स्कूलों में एडमिशन के लिए आधार जरूरी नहीं
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डेटा प्रोटेक्शन कानून जल्द से जल्द लाया जाएः जस्टिस सीकरी
आधार मामले पर फैसला सुनाते हुए जस्टिस सीकरी ने केंद्र सरकार से कहा, डेटा प्रोटेक्शन कानून जल्द से जल्द लाया
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
आधार एक्ट का सेक्शन 57 खारिज, ऐसा होने से निजी कंपनियां अब आधार नहीं मांग सकती
6 महीने से ज्यादा आधार ऑथेंटिकेशन डेटा को स्टोर करके नहीं रखा जा सकता
आधार के बगैर भी मिलता रहेगा सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ
आधार एक्ट का सेक्शन 57 खारिज
आधार एक्ट के सेक्शन 57 के मुताबिक, प्राइवेट कंपनियों के साथ डेटा शेयर किया जा सकता था. लेकिन अब इस एक्ट के खारिज करने के बाद प्राइवेट कंपनियों के साथ आधार डेटा को शेयर नहीं किया जा सकता.
आधार की कानूनी मान्यता बरकरार, सुप्रीम कोर्ट का फैसला
आधार की अनिवार्यता पर फैसला सुनाते हुए जस्टिस सीकरी ने कहा-
आधार पर हमला संविधान के खिलाफ
आधार से गरीबों को ताकत और पहचान मिली
आधार कार्ड का डुप्लीकेट बनाने का विकल्प नहीं
आधार कार्ड एकदम सुरक्षित है
आधार आम नागरिक की पहचान है
आधार से गरीबों को ताकत और पहचान मिली
आधार पर हमला संविधान के खिलाफ: जस्टिस सीकरी
तीन जजों की तरफ से फैसला पढ़ते हुए जस्टिस सीकरी ने कहा, आधार पर हमला करना संविधान के खिलाफ है.
जस्टिस सीकरी पढ़ रहे हैं फैसला
जस्टिस सीकरी आधार की वैधता पर तीन जजों की तरफ से फैसला पढ़ रहे हैं.
आधार पर फैसला सुनाने के लिए पीठ बैठी
आधार की अनिवार्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुनाने के लिए संविधान पीठ बैठ गई है. जस्टिस सीकरी फैसला पढ़ रहे हैं.
आधार पर SC के फैसले का होगा काफी असर- मुकुल रोहतगी
पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा, फैसला का काफी प्रभावशाली प्रभाव असर होगा, क्योंकि आधार काफी लोगों के लिए प्रासंगिक है. मुझे उम्मीद है कि फैसला आधार के पक्ष में आएगा.
आधार पर UIDAI का पक्ष
UIDAI के CEO अजय भूषण पांडेय ने सुप्रीम कोर्ट को आधार पर प्रेजेंटेशन दी थी.
अजय भूषण ने बताया कि UIDAI के पास ऐसे लोगों का कोई आंकड़ा नहीं है, जिन्हें आधार न होने की वजह से लाभ देने से मना कर दिया गया हो.
UIDAI के CEO ने कहा कि ‘आधार' देशभर में ऑनलाइन वेरिफाई किए जाने में सक्षम पहचान पत्र है.
CEO ने कहा, ‘‘आधार का रजिस्ट्रेशन फ्री है. इसके लिए महज लोगों के फोटो, पता, अंगुलियों के निशान और आंखों की पुतलियों से संबंधित डेटा की ही जरूरत पड़ती है.
इसमें धर्म, जाति, जनजाति, भाषा, पात्रता का ब्योरा, आय या स्वास्थ्य विवरण और पेशे से जुड़ी जानकारी नहीं मांगी जाती.
UIDAI अब इस स्तर पर पहुंच चुका है कि वह प्रतिदिन 15 लाख आधार नंबर जारी करने, छापने और उन्हें भेजने में सक्षम है.
आंकड़ों की सुरक्षा के बारे में CEO ने कहा कि पंजीयन एजेंसी द्वारा एक बार बॉयोमीट्रिक आंकड़े दिये जाने के बाद उन्हें कोडिंग में बदल दिया जाता है और केंद्रीय पहचान डेटा भंडार (सीआईडीआर) में संरक्षित कर लिया जाता है.
आंकड़ों की पुष्टि के बारे में उन्होंने कहा कि UIDAI आधार कार्ड के जरिये की गयी किसी भी लेन-देन पर नजर नहीं रखता है.
अगर कोई आधार के जरिये बैंक खाता खोलता है या मोबाइल फोन लेता है, तो यूआईडीएआई को खाते के विवरण और मोबाइल नंबर के बारे में कोई जानकारी नहीं होगी
सीईओ ने कहा कि जुलाई के बाद से अंगुलियों के निशान या पुतलियों के अलावा फोटो के जरिये भी किसी भी व्यक्ति की पहचान हो सकेगी और उसे लाभ से वंचित नहीं किया जाएगा.
आधार पर सुप्रीम कोर्ट में सरकार का पक्ष
आधार का बचाव करते हुए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि इससे सब्सिडी, सेवाओं और लाभ के लिए वास्तविक लोगों की पहचान में मदद मिलेगी
आधार की अनिवार्यता से फर्जी पैनकार्ड जैसी समस्याएं खत्म होंगी.
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की गड़बड़ियां दूर होंगी.
सरकार ने कहा कि भ्रष्टाचार की वजह से जरूरतमंदों तक सरकारी लाभ पहुंचने में देरी होती है और इसकी गति धीमी हो जाती है. इसलिए योजनाओं के तहत लाभार्थियों की पहचान और आपूर्ति व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिये आधार को अनिवार्य बनाने की जरूरत महसूस की गई.
आधार की परिकल्पना कल्याणकारी योजनाओं को सफल रूप से लागू करने के लिये की गई.
आधार पर फैसला आज
संविधान पीठ सुनाएगी फैसला
आधार मामले की सुनवाई की बेंच में सीजेआई दीपक मिश्रा के अलावा जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अशोक भूषण शामिल थे.