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अमेरिकी व्हिसलब्लोवर एडवर्ड स्नोडन भी आधार डेटा लीक की खबर देने वाले ट्रिब्यून अखबार के समर्थन में उतर आए हैं. स्नोडन का कहना है कि आधार डेटा में कथित सेंध की रिपोर्ट देने वाली पत्रकार रचना खैरा के खिलाफ जांच की बजाए उन्हें अवॉर्ड मिलना चाहिए, स्नोडन ने ये भी कहा कि भारत सरकार को अपने नागरिकों की प्राइवेसी की रक्षा के लिए अपनी नीति में सुधार करना चाहिए.
एडवर्ड स्नोडेन अमेरिकी सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी (CIA) के पूर्व कर्मचारी हैं, जिन्होंने फोन और इंटरनेट पर अमेरिकी निगरानी का खुलासा किया था. 34 साल के स्नोडन साल 2013 से रूस की शरण में रह रहे हैं
स्नोडेन ने अपने ट्वीट में कहा, आधार में सेंध का खुलासा करने वाली पत्रकार जांच की नहीं बल्कि पुरस्कार की हकदार हैं. अगर सरकार वाकई न्याय को लेकर चिंतित है तो वे नीति में सुधार करेंगे, जिसने एक अरब भारतीयों की निजता खत्म कर दी है. जो लोग इसके लिये जिम्मेदार हैं उनकी गिरफ्तारी चाहता हूं.
दरअसल, 3 जनवरी को ट्रिब्यून की रिपोर्टर रचना खैरा ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि महज 500 रुपये देकर कोई भी दस मिनट के अंदर किसी भी आधार नंबर धारक के बारे में जानकारी हासिल कर सकता है. खैरा ने जानकारी जुटाने के लिए एक नकली पहचान रखी थी. इसके बाद उन्होंने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि उनके पास लोगों की वो जानकारी है, जो उन्होंने आधार कार्ड में दर्ज कराई थी.
UIDAI ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा था कि डेटा ब्रीच कहीं से भी संभव नहीं है. मामले के तूल पकड़ने के बाद UIDAI ने पत्रकार और संस्थान के खिलाफ FIR दर्ज कराई है. इसी मामले में स्नोडन का बयान सामने आया है.
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