Home News India ‘आयुष्मान भारत’ स्कीम का लाभ दोबारा लेने के लिए जरूरी होगा आधार
‘आयुष्मान भारत’ स्कीम का लाभ दोबारा लेने के लिए जरूरी होगा आधार
पहली बार इस योजना का लाभ लेने पर पहले की तरह आधार कार्ड जरूरी नहीं होगा
क्विंट हिंदी
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पहली बार इस योजना का लाभ लेने पर पहले की तरह आधार कार्ड जरूरी नहीं होगा.
फोटो: altered by Quint Hindi
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केंद्र सरकार ने हाल ही में लॉन्च हुई आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 1 बार से ज्यादा लाभ पाने के लिए अब आधार कार्ड को जरूरी बना दिया है. हालांकि पहली बार इस योजना का लाभ लेने पर पहले की तरह आधार कार्ड जरूरी नहीं होगा.
आयुष्मान भारत योजना को लागू करने वाली नेशनल हेल्थ एजेंसी के सीईओ इंदु भूषण ने इस बात की जानकारी दी है. आधार योजना को संवैधानिक तौर पर वैध घोषित करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते सरकार ने यह कदम उठाया गया है.
“इस योजना का लाभ दूसरी बार उठाने के दौरान अगर किसी के पास आधार कार्ड नहीं है, तो उसे दस्तावेजों के साथ ये सबूत देना होगा कि योजना का फायदा पाने वाले ने आधार के लिए नामांकन करवा लिया है.”
-इंदु भूषण, सीईओ, नेशनल हेल्थ एजेंसी
भूषण ने कहा, "हम आधार पर दिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले की स्टडी कर रहे हैं. दूसरी बार आयुष्मान भारत का लाभ लेने के लिए आधार नंबर या फिर आधार के लिए नामांकन को सबूत के तौर पर कोई दस्तावेज देना होगा. हालांकि पहली बार इस योजना का लाभ लेने के लिए कोई अन्य पहचान पत्र जमा कराया जा सकता है."
क्या है आयुष्मान भारत योजना?
पीएम मोदी ने झारखंड से 23 सितंबर को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को लॉन्च किया था. ये दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है.
इस योजना का फायदा देश के करीब 10 करोड़ 74 लाख चयनित परिवारों को मिलेगा. इन परिवारों को सुविधाओं के अभाव और गरीबी के स्तर के आधार पर चुना गया है.
तकरीबन 50 करोड़ लोग इस योजना से सीधे जुड़ेंगे. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, शहरी क्षेत्रों के 60 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्रों के 85 फीसदी परिवार इस योजना के तहत कवर किए गए हैं.
चयनित परिवारों को हर साल 5 लाख रुपये स्वास्थ्य बीमा के तौर पर मुहैया कराया जाएगा. साथ ही बीमा कवर में दूसरे और तीसरे दर्जे की सभी स्वास्थ्य सुविधाएं भी शामिल हैं.
स्कीम के लाभ से कोई (महिलाएं, बच्चे या वृद्धजन) छूट न जाएं, इसलिए योजना में परिवार के आकार और आयु पर किसी तरह की सीमा नहीं तय की गई है.
14000 से ज्यादा सरकारी और प्राइवेट अस्पताल इस योजना के साथ जोड़े गए हैं, जिनमें कैशलेस इलाज मिलेगा.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक कम से कम 47,000 लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं.
नैशनल हेल्थ एजेंसी के डेप्युटी सीईओ दिनेश अरोड़ा के मुताबिक इस योजना में अब तक कम से कम 92,000 लोगों को गोल्ड कार्ड दिया जा चुका है.