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बैंक अकाउंट हो या रेलवे का सफर या फिर फोन, सबका आधार अब आधार कार्ड है. अब यूपी सरकार ने आधार छात्र-छात्राओं के लिए भी अनिवार्य कर दिया है. यूपी बोर्ड के इस साल के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के स्टूडेंट्स को अगले साल होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के दौरान एग्जामिनेशन सेंटर में आधार कार्ड से ही एंट्री मिलेगी.
सरकार ने यह कदम उत्तर प्रदेश में नकल रोकने के लिए उठाया है. सभी जिलों के स्कूलों को इस आदेश को सख्ती से लागू करने के लिए कहा गया है.
यूपी बोर्ड से परीक्षा की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स के लिए यह जानकारी बेहद अहम है. क्योंकि इस बार परीक्षा देने के लिए सिर्फ माध्यमिक शिक्षा परिषद से जारी एडिमट कार्ड से ही काम नहीं चलेगा. अब आधार कार्ड भी जरूरी हो गया है. ऐसे में जिनके पास आधार कार्ड नहीं होगा, वो परीक्षा केंद्रों में नहीं घुस पाएंगे.
मंगलवार को माध्यमिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल ने संबंधित अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये उत्तर प्रदेश में शुरू होने वाली परीक्षा की तैयारियों की जानकारी ली. उन्होंने परीक्षा केंद्रों में आधार कार्ड की अनिवार्यता पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा.
संजय अग्रवाल का कहना है कि प्रदेश में बेहतर शिक्षा और नकल मुक्त परीक्षा कराना सरकार की जिम्मेदारी है. इसी के तहत परीक्षा में आधार कार्ड अनिवार्य किया गया है. जून से ही इसकी तैयारी चल रही है. सिर्फ नेपाल के छात्रों को इससे मुक्त रखा गया है.
यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में नकल का खूब चलन रहा है। नकल में पूर्वांचल का नाम सबसे आगे है. छात्रों को नकल कराने के लिए बाकायदा ठेका होता है, जिसमें पैसे के हिसाब से सिर्फ पास नहीं बल्कि अच्छे नंबर दिलाने की भी गारंटी दी जाती है. ऐसे में यहां देश के कई राज्यों के स्टूडेंट्स परीक्षा देने आते हैं.
आलम यह होता है कि जिन स्कूलों में वाउंड्री वॉल नहीं है, वहां हजारों की संख्या में छात्र परीक्षा देते है. कुछ ऐसे भी हैं जो मेरिट में आने के लिए कई बार परीक्षा देते हैं. सरकार का मानना है कि आधार कार्ड से इस पर काफी हद तक रोक लग जाएगी. उत्तर प्रदेश से सटे होने के कारण नेपाल के छात्र भी काफी संख्या में यहां परीक्षा देने आते है.
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 2018 में होने वाली परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन फार्म भरने के दौरान ही आधार कार्ड को अनिवार्य बना दिया था. लेकिन स्कूलों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया था.
इस बार यूपी बोर्ड की परीक्षा काफी पहले यानी 6 फरवरी से शुरू हो रही है. लिहाजा समय कम ही बचा है. ऐसे में नकल मुक्त परीक्षा के साथ ही आधार कार्ड की अनिवार्यता स्कूलों के लिए बड़ी चुनौती है.
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