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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को डेनमार्क में क्लाइमेट चेंज की बैठक में शामिल होने की इजाजत नहीं दी. केजरीवाल सम्मेलन में भारत की आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले थे. केजरीवाल को ये इजाजत क्यों नहीं मिली, इस पर सरकार की अपनी दलीलें हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी का कहना है कि उन्हें विदेश मंत्रालय की तरफ से कोई साफ जवाब नहीं मिला है.
जब आम आदमी पार्टी की तरफ से परमिशन न मिलने को लेकर सवाल उठाए गए तो केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा-
आम आदमी पार्टी ने परमिशन न मिलने को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं. पार्टी के मीडिया को-ऑर्डिनेटर अक्षय मराठे ने द क्विंट से बातचीत में कहा कि इस बारे में विदेश मंत्रालय ने कुछ भी आधिकारिक रूप से नहीं बताया है.
आम आदमी पार्टी के सूत्रों ने ये भी बताया है कि वो इस मुद्दे को लेकर अदालत के दरवाजे नहीं जाने वाली, क्योंकि डेनमार्क का कार्यक्रम 9 अक्टूबर को ही हो जाना है.
उधर, आम आदमी पार्टी के बड़े नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इस मामले पर कहा-
इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि-
एक तरफ आम आदमी पार्टी इस मामले में नाइंसाफी की शिकायत कर रही है तो वहीं, केंद्र सरकार की अपनी दलीलें हैं. लेकिन इतना तो साफ है कि अगर परमिशन न देने को लेकर कोई आधिकारिक बयान आ जाता तो असमंजस की स्थिति पैदा न होती.
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