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दिल्ली और पंजाब के बाद अब आम आदमी पार्टी देश के अन्य राज्यों में भी अपने पैर जमाना चाहती है. अन्य राज्यों में अपनी पकड़ बनाने के लिए आम आदमी पार्टी ने स्कूली शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी जैसे विषयों को दमदार तरीके से मतदाताओं के सामने रखने की रणनीति बनाई है. आम आदमी पार्टी ने नए सिरे से उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, गोवा आदि राज्यों में अपनी तैयारी शुरू भी कर चुकी है. पार्टी के मुताबिक वह आगामी चार राज्यों में विधानसभा चुनाव लड़ेगी. ये राज्य उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और गोवा हैं.
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा को पंजाब और कालकाजी से विधायक आतिशी को गुजरात का प्रभार सौंपा गया है. यह दोनों ही नेता फिलहाल अभी अपने अपने प्रभार वाले राज्यों में हैं और पार्टी कार्यकतार्ओं के साथ मुलाकात कर रहे हैं.
उधर बिहार के प्रभारी व दिल्ली के बुराड़ी से विधायक संजीव झा जनवरी के पहले सप्ताह में बिहार जा रहे हैं. 'आप' यहां पंचायत चुनाव से शुरूआत करेगी. संजीव झा ने कहा, पार्टी बिहार में होने जा रहे पंचायत चुनाव पर फोकस कर रही है. यहां 'आप' अपने अधिक से अधिक कार्यकतार्ओं को मैदान में उतारने जा रही है.
दिल्ली के ही एक विधायक दिनेश मोहनिया को उत्तराखंड का प्रभार सौंपा गया है. वह भी जनवरी माह में उत्तराखंड में एक दर्जन स्थानों पर जा रहे हैं.
आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के तो 65 जिलों में बकायदा प्रभारियों की नियुक्ति भी कर ली है. यहां भी यह तैयारी पंचायत चुनाव लड़ने के उद्देश्य से की जा रही है.
स्वयं अरविंद केजरीवाल उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ने की तैयारी का ऐलान कर चुके हैं. दरअसल इस ऐलान के पीछे पार्टी की एक खास रणनीति है. आम आदमी पार्टी दिल्ली से सटे हुए राज्यों में अपना संगठन मजबूत करने में जुटी है. संगठन बनाने और मजबूत करने का लक्ष्य है भले ही विधानसभा चुनाव लड़ना है लेकिन इसकी शुरूआत पंचायत और निगम चुनाव से की जा रही है.
आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड में अपने 'आप सरकार' के दिल्ली मॉडल को घर-घर तक पहुंचाने की रणनीति बनाई है.
गुजरात की प्रभारी आतिशी रविवार को अहमदाबाद में है. यहां वह सुंदरकांड जैसे धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल हो रही हैं. वहीं गुजरात के प्रसिद्ध डॉक्टरों से मिलकर उनके समक्ष अपनी पार्टी का एजेंडा भी रखने वाली है. आतिशी भी यहां लोगों से मिलकर उन्हें दिल्ली सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताएंगी.
आतिशी ने दिल्ली मॉडल की चर्चा करते हुए कहा, गुजरात मॉडल कुछ अच्छी सड़कें बनाकर नहीं बनाया जाएगा. जब गुजरात के सबसे गरीब परिवारों के बच्चों को सरकार की तरफ से ऐसी शिक्षा मिलेगी कि उन्हें देश के सर्वश्रेष्ठ कॉलेजों में प्रवेश मिल जाएगा, तब असली गुजरात मॉडल प्राप्त होगा.
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