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बरामदगी की रकम में से 70 लाख रुपये हड़पने की आरोपी इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान और एक सिपाही ने गुरुवार को मेरठ कोर्ट में सरेंडर कर दिया है.
बता दें, इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में लिंक रोड थाने की प्रभारी रहते हुए छह पुलिसकर्मियों के साथ लुटेरों से बरामद की गई एक करोड़ की रकम में से 70 लाख रुपये हड़प लिए थे. उच्चाधिकारियों को मामले की जानकारी होते ही लक्ष्मी चौहान और अन्य आरोपी फरार हो गए थे. इसके बाद से ही गाजियाबाद पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार कोशिशें कर रही थी. गुरुवार को गाजियाबाद पुलिस ने आरोपियों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया था.
बता दें, घटना के बाद से ही इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान और उनका साथ देने वाले छह सिपाही फरार चल रहे थे. गाजियाबाद पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तमाम कोशिशें की, लेकिन उनके हाथ खाली ही रहे.
इनामिया घोषित होने के कुछ ही घंटों में लक्ष्मी चौहान और एक अन्य आरोपी सिपाही ने पुलिस को चकमा देकर मेरठ के एंटी करप्शन कोर्ट में सरेंडर कर दिया. बता दें, लक्ष्मी चौहान ने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी, जो खारिज हो गई थी.
लक्ष्मी चौहान और उनके साथ सस्पेंड हुए बाकी 6 पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि इन सबने मिलकर लुटेरों से बरामद करीब एक करोड़ की रकम में से 70 लाख रुपये गायब करने की कोशिश की.
मामले का भंडाफोड़ सीसीटीवी फुटेज और लुटेरों के बयान से हुआ. पूरे घटनाक्रम की पुष्टि गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) सुधीर कुमार सिंह ने की थी. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने बताया था-
पूरे मामले के पर्दाफाश में जिला पुलिस अधिकारियों को शक हुआ. लिहाजा, आधी रात को एसएसपी गाजियाबाद ने मामले की जांच क्षेत्राधिकारी (सर्किल ऑफिसर) राकेश कुमार मिश्र से कराई. पकड़े गये लुटेरों ने क्षेत्राधिकारी की जांच में जो खुलासा किया वो, लिंक रोड थाना पुलिस के खुलासे से भी बड़ा निकला.
क्षेत्राधिकारी की जांच के दौरान ही एक सीसीटीवी फुटेज देखा गया. एसएसपी गाजियाबाद सुधीर कुमार सिंह ने बताया, “उस फुटेज में लिंक रोड की थाना प्रभारी लक्ष्मी चौहान, कुछ अन्य लोगों के साथ रकम को खुद ही इधर से उधर करती हुई साफ-साफ दिखाई दे रही थीं.”
एसएसपी ने बताया, "पूरे मामले में संदिग्ध भूमिका पाये जाने के चलते, लिंक रोड थाना प्रभारी इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान समेत 7 पुलिसकर्मियों को पहले लाइन हाजिर किया गया था. बाद में इन सबको निलंबित करके उच्च-स्तरीय जांच शुरू की गई."
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गाजियाबाद ने बताया, "लुटेरों से बरामद लाखों रुपये हड़पने की कोशिश में एसएचओ के साथ सस्पेंड होने वालों में दारोगा नवीन पचौरी और पांच सिपाही बच्चू सिंह, फराज, धीरज, सौरभ, सचिन भी हैं."
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