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भीमा कोरेगांव मामले में एक्टिविस्ट वरवर राव को पुणे सेशन कोर्ट ने 26 नवंबर तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है. इससे पहले शनिवार को उन्हें उनके घर से गिरफ्तार किया गया था. बता दें कि उन्हें अभी तक हाउस अरेस्ट पर रखा गया था. जिसकी अवधि खत्म होते ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.
इससे पहले पुणे सेशन कोर्ट भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी अरुण फरेरा, सुधा भारद्वाज और वर्नोन गॉन्जाल्विस को भी 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा दिया था. कोर्ट में उन्होंने जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया.
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पुणे पुलिस ने कई छापेमारियां की. जिसमें 28 अगस्त को एक्टिविस्ट वरवर राव, सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा, अरुण फरेरा और वर्नोन गॉन्जाल्विस को गिरफ्तार किया था.
पुलिस का कहना है कि 31 दिसंबर को हुए यलगार काउंसिल कॉन्फ्रेंस से इनका संबंध था. इसी कॉन्फ्रेंस के बाद हिंसा फैली थी. इन सभी लोगों के माओवादियों से संबंध होने की बात पुलिस ने कही है. विश्रामबाग थाना में दर्ज FIR के मुताबिक, कार्यक्रम में कथित तौर पर भड़काऊ टिप्पणी करने के बाद जिले के भीमा- कोरेगांव में हिंसा हुई थी.
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