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इसरो (ISRO) ने सफलतापूर्वक PSLV-C57 रॉकेट से आदित्य एल1 (Aditya L1) को लॉन्च कर दिया है. यह मिशन सूरज के अध्यन के लिए लॉन्च हुआ है. आदित्य एल 1 सूरज से एक तय दूरी एल 1 पॉइंट पर रहकर लगातार सूरज की स्टडी करेगा. इस एल 1 पॉइंट पर इसे पहुंचने में 4 महीने का समय लगेगा.
इस बीच इस मिशन को लेकर कई दिग्गजों की प्रतिक्रिया आई है, प्रोजेक्ट की डायरेक्टर ने कहा है कि ये एक सपने के सच होने जैसा है.
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि, "यह भारत के लिए एक सुखद क्षण है. भारतीय वैज्ञानिक वर्षों से काम कर रहे थे, दिन-रात मेहनत कर रहे थे...आदित्य एल1 का सफल प्रक्षेपण संपूर्ण विज्ञान और संपूर्ण राष्ट्र दृष्टिकोण का भी प्रमाण है जिसे हमने अपनी कार्य संस्कृति में अपनाने की कोशिश की है."
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई दी.
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, "चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा जारी रखी है. भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य -एल1 के सफल प्रक्षेपण के लिए हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई. संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मांड की बेहतर समझ विकसित करने के लिए हमारे अथक वैज्ञानिक प्रयास जारी रहेंगे."
कांग्रेस ने एक्स पर लिखा, "ISRO ने देश को गौरवान्वित होने के अनेक मौके दिए हैं. चंद्रयान-3 के बाद ISRO ने आदित्य L-1 को सफलतापूर्वक लॉन्च कर फिर से देश का मान बढ़ाया है. देश के वैज्ञानिकों की इस अभूतपूर्व उपलब्धि पर समस्त कांग्रेस परिवार को गर्व है. ISRO की पूरी टीम को शुभकामनाएं. जय हिंद."
गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर लिखा कि, "हमारे वैज्ञानिकों ने बार-बार अपनी शक्ति और प्रतिभा को साबित किया है. भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य एल1 के सफल प्रक्षेपण पर राष्ट्र को गर्व और प्रसन्नता है. इस अद्वितीय उपलब्धि के लिए टीम का शुक्रिया. अमृत काल के दौरान अंतरिक्ष क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत का पीएम मोदी के सपने को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है."
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने वैज्ञानिकों, अंतरिक्ष इंजीनियरों, शोधकर्ताओं और इसरो के मेहनती कर्मियों का धन्यवाद किया और अपने डीटेल एक्स पोस्ट में बताया कि, "भारत ने सूर्य की यात्रा 2006 में शुरू की, जब हमारे वैज्ञानिकों ने सूर्य के लिए एक ही उपकरण के साथ एक सौर वेधशाला का प्रस्ताव रखा. जुलाई 2013 में, इसरो ने आदित्य-1 मिशन के लिए सात पेलोड का चयन किया, जिसे अब आदित्य-एल1 मिशन का नाम दिया गया है. नवंबर 2015 में, इसरो ने औपचारिक रूप से आदित्य-एल1 को मंजूरी दी."
एक्स पर आम आदमी पार्टी ने लिखा कि, "सामान्य प्रक्षेपण! चंद्रमा पर विजय प्राप्त करने के कुछ दिन बाद, AdityaL1 के सफल प्रक्षेपण के साथ इसरो अब सूर्य का अध्ययन करने के लिए तैयार है. भारत के लिए एक और गर्व का दिन. इसरो को बधाई."
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