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मेडिकल कॉलेजों में राज्य के मूल निवासी को ही मिले एडमिशन: SC

गवर्नमेंट आॅटोनोमस मेडिकल और डेंटल काॅलेज के कोर्सेज में नियम-2017 के मुताबिक मूल निवासी छात्र को ही मिलेगा एडमिशन.

द क्विंट
भारत
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मेडिकल कॉलेजों में राज्य के मूल निवासी को ही मिले एडमिशन.
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मेडिकल कॉलेजों में राज्य के मूल निवासी को ही मिले एडमिशन.
(Photo: Reuters)

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मेडिकल कॉलेजों में राज्य के मूल निवासी को ही एडमिशन दिए जाने के मध्यप्रदेश के जबलपुर हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है. राज्य सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

सुप्रीम कोर्ट जज शरद अरविंद बोबडे और एल नागेश्वर राव की बेंच ने मंगलवार को इस फैसले को सही ठहराया. राजनीतिक दलों सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस फैसले का स्वागत करते हुए सरकार पर सवाल उठाए हैं.

हाई कोर्ट के वकील आदित्य सांघी ने बताया कि- नेशनल लेवल पर मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए प्रतियोगिता परीक्षा 'नीट' हुई थी. इसमें कई गड़बड़ियां सामने आने पर मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर निवासी विनायक परिहार और जबलपुर निवासी तारिषी वर्मा की तरफ से याचिका दायर की गई थी. याचिका पर हाई कोर्ट जज आर.के. झा और नंदिता दुबे की बेंच ने गुरुवार आदेश दिया था कि गवर्नमेंट आॅटोनोमस मेडिकल और डेंटल काॅलेज के कोर्सेज में नियम-2017 के मुताबिक प्रदेश के मूल निवासी छात्र को ही एडमिशन दी जाए.

सांघी के मुताबिक, राज्य सरकार इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई और काउंसलिंग पूरी हो जाने का हवाला दिया. साथ ही अनुरोध किया कि हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जाए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए अपील निरस्त कर दी.

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राज्य सरकार पर लग रहे आरोप

विचार मध्यप्रदेश की कोर कमेटी के मेंबर विनायक परिहार, अक्षय हुंका, विजय बाते ने एक बैठक कर सरकार से पूछा है कि राज्य में दो मूल निवासी प्रमाणपत्र वालों के आवेदन निरस्त क्यों नहीं किए गए? जब हाई कोर्ट ने प्रदेश के बच्चों के पक्ष में फैसला दिया, तो बजाय उनका साथ देने के सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील क्यों की?

वहीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश के रहनुमा होने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री चौहान प्रदेश के युवाओं के साथ विश्वासघात कर रहे हैं.

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की ओर से नीट के मामले में दूसरे प्रदेश के युवाओं को भी एडमिशन का मौका दिए जाने की अपील वाली शिवराज सरकार की याचिका खारिज होने पर कहा कि इस मामले में व्यापम से बड़ा घोटाला हुआ है. इसकी निष्पक्ष जांच हो, तो शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी सांठगांठ का खुलासा होगा.

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