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बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव का साथ इसलिए छोड़ दिया क्योंकि डिप्टी सीएम और लालू के बेटे तेजस्वी यादव के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप थे. नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ एक बार फिर मिलकर अपनी सरकार बनाई. नीतीश सरकार में सीएम को मिलाकर 29 मंत्रियों ने शपथ ली. नीतीश स्वच्छ राजनीति की बात तो करते हैं लेकिन उनके मंत्रालय में ज्यादातर नेताओं पर कोई न कोई मुकदमा चल रहा है.
एसोसिएशन फोर डेमोक्रिटक रिफॉर्म यानि एडीआर की ताजा रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि चुने गए 29 मंत्रियों में से 22 के खिलाफ क्रिमिनल केस चल रहे हैं. जो सबसे चौंकाने वाली बात है वो ये कि बिहार की पिछली कैबिनेट में 28 में से 19 के खिलाफ आपराधिक मुकदमे थे. यानि कैबिनेट में पहले 68 प्रतिशत दागी मंत्री थे तो अब ये आंकड़ा बढ़कर 76 प्रतिशत तक पहुंच गया है.
नीतीश सरकार के 29 में 21 मंत्री करोड़पति हैं. यानि 72 फीसदी मंत्रियों के पास 1 करोड़ या उससे ज्यादा की संपत्ति है. वहीं पिछली नीतीश सरकार में 28 में से 22 मंत्री (79 %) करोड़पति थे. फिलहाल 29 मंत्रियों के पास औसतन 2.46 करोड़ की संपत्ति है.
लखीसराय के विधायक विजय कुमार सबसे ज्यादा अमीर मंत्री हैं. उनके पास 15.64 करोड़ की संपत्ति है.
29 में से 9 मिनिस्टर्स की एजुकेशन 8वीं से 12वीं के बीच है. यानि 31% मंत्री 8वीं से लेकर 12वीं पास हैं. वहीं 18 मंत्री (62%) ग्रेजुएट हैं या उच्च शिक्षा पा चुके हैं.
नीतीश सरकार में सिर्फ एक महिला मंत्री है. लालू और कांग्रेस के साथ उनकी पिछली सरकार में 2 महिला मंत्री थीं.
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