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महाराष्ट्र के औरंगाबाद में हुए रेल हादसे में 16 मजदूरों की जान चली गई. ये सभी मजदूर पटरी के सहारे अपने घर जा रहे थे. इस घटना के बावजूद सरकार और प्रशासन की आंखें शायद नहीं खुली हैं. वहीं, मजदूर अपने घर जाने की चाहत और उम्मीद को छोड़ना नहीं चाहते. मजदूर अभी भी रेलवे ट्रैक के सहारे घर जाते दिख रहे हैं. मुंबई-ठाणे के बीच कई मजदूरों को रेलवे ट्रैक पर घर की ओर जाते देखा गया. मजदूरों का कहना है कि वह अब इंतजार नहीं कर सकते हैं.
महाराष्ट्र में लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर हैं. इनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और प. बंगाल जैसे राज्यों के मजदूरों की संख्या सबसे अधिक है. ये सभी मजदूर अपने घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर हैं लेकिन केवल घर जाने की चाहत में वे निकल पड़े हैं. उन्हें नहीं पता है कि वे कैसे घर पहुंचेंगे बस रेलवे ट्रैक का सहारा लेकर पैदल निकल गए हैं.
रेलवे ट्रैक पर जा रहे बिहार के भागलपुर के रहने वाले एक मजदूर ने कहा,
वहीं, बिहार के भागलपुर के ही रहने वाले एक और मजदूर ने कहा,
महाराष्ट्र में बीजेपी और विपक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल से चर्चा की गई है. वे यूपी के सीएम से बात कर रहे हैं जल्द ही 10 ट्रेन यूपी के लिए रवाना की जाएंगी. उन्होंने कहा, मेरा सभी श्रमिक भाइयों ने अनुरोध है कि खुद पंजीयन कर सरकार के माध्यम से अपना सफर करें. पैदल घर से न निकलें.
बहरहाल, अब सरकार को जल्द ही मजदूरों के लिए फैसला लेना होगा. क्योंकि मजदूर मजबूर है और वो किसी भी हाल में घर पहुंचना चाहते हैं. अगर जल्द ही मजदूरों की मजबूरी नहीं समझी गई तो अभी भी औरंगाबद जैसी कई घटनाएं देखने को मिल सकती हैं.
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