Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019प्याज, टमाटर के बाद दालों में लगी आग, चना दाल 90 रुपए किलो

प्याज, टमाटर के बाद दालों में लगी आग, चना दाल 90 रुपए किलो

दालों के दाम बढ़ने से त्योहारी सीजन में बिगड़ेगा रसोई का बजट

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
दाल के दामों ने पकड़ी चाल
i
दाल के दामों ने पकड़ी चाल
(फोटोः IANS)

advertisement

बरसात के चलते पहले प्याज, लहसुन, टमाटर और हरी सब्जियों की महंगाई ने आम उपभोक्ताओं की जेब काटी, लेकिन अब दालों के दाम बढ़ने से इस त्योहारी सीजन में रसोई का बजट बिगड़ गया है.

बीते एक सप्ताह में देश के प्रमुख बाजारों में उड़द के दाम में 450-850 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा हुआ है. उड़द के साथ-साथ मूंग, मसूर और चना के दाम में भी वृद्धि हुई है.

दलहन बाजार के जानकारों की माने तो दालें और महंगी होंगी क्योंकि बरसात के कारण मध्यप्रदेश में उड़द की फसल को भारी नुकसान हुआ है. वहीं, दलहन की बुवाई भी इस खरीफ सीजन में पिछले साल से कम होने के कारण उत्पादन कम रहने की अनुमान लगाया गया है.

‘चने की दाल का दाम 90 रुपये किलो’

दिल्ली के मंडावली में रहने वाली रजनी ने बताया कि हरी सब्जियों के दाम बढ़ने के बाद आलू और दाल से वह काम चला लेती थीं, क्योंकि इनके दाम कम थे, लेकिन अब दालें भी महंगी हो गई हैं. उन्होंने कहा कि चना जो 55-60 रुपये किलो मिलता था वह अब 65-70 रुपये किलो हो गया है और चने की दाल 90 रुपये किलो मिल रही है.

दाल की महंगाई पर क्या कहता है दलहन बाजार?

दलहन बाजार के जानकार मुंबई के अमित शुक्ला ने बताया कि मंगलवार को बाजार में एक अफवाह थी कि सरकार दालों पर स्टॉक लिमिट (थोक व खुदरा कारोबारियों के लिए दालों की स्टॉक सीमा) लगाने वाली है, जिससे तमाम दलहनों दाम में एक दिनी गिरावट रही, लेकिन पिछले एक सप्ताह की बात करें, तो चना, मूंग और मसूर के दाम में वृद्धि हुई है.

उन्होंने कहा कि बारिश और बाढ़ के कारण फसल खराब होने और पिछले साल से रकबा कम होने से अरहर और मटर को छोड़ बांकी सभी दलहनों में तेजी का रुख है और यह तेजी आगे जारी रही तो मटर और अरहर के दाम में भी इजाफा देखने को मिल सकता है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

दाल का कहां कितना दाम?

  • मुंबई में मंगलवार को उड़द की एफएक्यू (बर्मा से आयातित) वेरायटी का थोक भाव 5,450 रुपये प्रति क्विंटल था, जोकि पिछले सप्ताह के मुकाबले 5,50 रुपये ज्यादा है.
  • दिल्ली में एफएक्यू का भाव पिछले सप्ताह से 450 रुपये उपर 5,400 रुपये प्रति क्विंटल था.
  • चेन्नई में एफएक्यू उड़द का दाम 5,650 रुपये और एसक्यू वेरायटी के उड़द का भाव 6,775 रुपये प्रति क्विंटल था.
  • चेन्नई में बीते एक सप्ताह में एफएक्यू और एसक्यू का भाव क्रमश: 600 रुपये और 525 रुपये क्विंटल बढ़ा है.
  • कोलकाता मे एफएक्यू उड़द का भाव बीते एक सप्ताह में 850 रुपये बढ़कर 6,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गया.

मूंग के दाम में 100-200 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि

मूंग के दाम में भी विभिन्न शहरों में बीते एक सप्ताह के दौरान 100-200 रुपये की वृद्धि दर्ज की गई है. राजस्थान लाइन मूंग का भाव मंगलवार को दिल्ली में 6,100 रुपये प्रति क्विंटल था. दिल्ली में बीते एक सप्ताह में मूंग के भाव में 200 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा हुआ है.

चने के दाम में 25-100 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि

चने का भाव बीते एक सप्ताह में देश की प्रमुख मंडियों में 25-100 रुपये प्रति क्विंट बढ़ा है. मध्यप्रदेश के गंज बसोदा में देसी चने का भाव पिछले सप्ता के मुकाबले 100 रुपये की वृद्धि के साथ मंगलवार को 4,100 रुपये क्विंटल हो गया.

वहीं, दिल्ली में राजस्थान लाइन चना 4,325 रुपये और मध्यप्रदेश लाइन चना 4,275 रुपये प्रति क्विंटल था.

मसूर के भाव में 50 रुपये प्रति क्विंट की वृद्धि

मसूर का भाव भी बीते एक सप्ताह में जगह-जगह 50 रुपये क्विंटल बढ़ा है. इंदौर में देसी मसूर 4,100 रुपये और कोलकाता में कनाडा से आयातित मसूर 4,250 रुपये क्विंटल था और दाम में एक सप्ताह में 50 रुपये की वृद्धि दर्ज की गई है.

दिल्ली में लेमन तुअर यानी अरहर का भाव 5,300 रुपये क्विंटल था और भाव में पिछले एक सप्ताह में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है.

दालों के उत्पादन में आई कमी

फसल वर्ष 2018-19 (जुलाई-जून) के चैथे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार, बीते फसल वर्ष में सभी दलहनों का कुल उत्पादन 234.8 लाख टन रहने का अनुमान है, जबकि कारोबारी बताते हैं कि देश में दलहनों की कुल खपत करीब 240 लाख टन है. यही नहीं, चालू फसल वर्ष 2019-20 के पहले अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार, इस साल खरीफ दलहनों का उत्पादन 82.3 लाख टन रह सकता है जबकि पिछले साल के पहले अग्रिम उत्पादन अनुमान में यह आंकड़ा 92.2 लाख टन था.

ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने बताया कि सरकारी एजेंसी नैफेड के पास चना और तुअर का भरपूर स्टॉक है और तुअर की नई फसल की आवक भी नवंबर-दिसंबर में शुरू होने वाली है इसलिए दलहनों के दाम ज्यादा बढ़ने की संभावना कम है.   

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में पिछले 40 दिनों से प्रतिदिन बारिश हुई है. बारिश के कारण खेतों में पानी भरा है जिससे मूंग और उड़द 25-30 फीसदी नुकसान हुआ है,लेकिन महाराष्ट्र और गुजरात में तुअर को कोई नुकसान नहीं होगा. अगर बारिश बंद नहीं हुई तो उड़द और मूंग को और नुकसान हो सकता है, जिससे इनकी कीमतों में 5-10 फीसदी इजाफा हो सकता है.

(इनपुटः IANS)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 03 Oct 2019,03:56 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT