Home News India अफजाल अंसारी की सांसदी खत्म, अपराध से सियासत तक कैसे रहा दबदबा? | Photos
अफजाल अंसारी की सांसदी खत्म, अपराध से सियासत तक कैसे रहा दबदबा? | Photos
BSP MP Afzal Ansari disqualified: MP-MLA कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनायी है.
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गैगस्टर अफजाल अंसारी की सांसदी खत्म, अपराध से सियासत तक रहा कैसे रहा दबदबा?
(फोटो- अफजाल अंसारी/फेसबुक)
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BSP सांसद अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) की लोकसभा सदस्यता समाप्त हो गयी है. गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट द्वारा गैंगस्टर एक्ट में चार साल की सजा सुनाये जाने के बाद लोकसभा सचिवालय ने सोमवार, 1 मई को सांसद अफजाल अंसारी की सदस्यता खत्म कर दी है. दरअसल, दो साल से ज्यादा की सजा मिलने पर जनप्रतिनिधि कानून के तहत सदस्यों की मेंबरशिप चली जाती है.
BSP सांसद अफजाल अंसारी की लोकसभा सदस्यता समाप्त हो गयी है. गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट द्वारा गैंगस्टर एक्ट में चार साल की सजा सुनाये जाने के बाद लोकसभा सचिवालय ने सोमवार, 1 मई को सांसद अफजाल अंसारी की सदस्यता खत्म कर दी है.
(फोटो- अफजाल अंसारी/फेसबुक)
अफजाल अंसारी पांच बार विधायक और दो बार लोकसभा सांसद चुने गये हैं. हालांकि, दोनों ही बार उन्हें जेल जाना पड़ा है.
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अफजाल अंसारी (70) का जन्म 14 अगस्त 1953 में गाजीपुर जिले के युसुफपुर-मोहम्मदाबाद टाउन में हुआ था. उनके पिता सुभानुल्लाह अंसारी और दादा मुख्तार अहमद अंसारी, दोनों राजनीति के क्षेत्र में रहे थे. ऐसे में अंसारी बंधुओं (सिबगतुल्लाह, अफजाल और मुख्तार अंसारी) को सियासत विरासत में मिली थी.
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अंसारी बंधुओं का परिवार (दादा और पिता) शुरुआत में कांग्रेस से जुड़ा था. लेकिन ये तीनों भाई पहले सीपीआई, समाजवादी पार्टी और बाद में बहुजन समाज पार्टी के साथ जुड़े और विधायक और सांसद बने.
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अफजाल अंसारी ने पहली बार 1985 में CPI के टिकट पर चुनाव लड़ा था और कांग्रेस के अभय नारायण को हराकर विधायक बने थे. इसके बाद से वो लगातार 2002 तक मोहम्मदाबाद सीट से विधायक चुने गये.
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समाजवादी पार्टी से मतभेद के चलते अफजाल अंसारी ने बाद में SP छोड़, अपनी पार्टी कौमी एकता दल बनायी और बाद में (2017) उसका विलय BSP में कर दिया. अफजाल के भाई मुख्तार और उनका बेटा अब्बास भी सांसद और विधायक रह चुके हैं.
(फोटो- अफजाल अंसारी/फेसबुक)
2004 में अफजाल समाजवादी पार्टी के सिंबल पर लोकसभा चुनाव लड़ा और सांसद बने. उन्होंने उस वक्त बीजेपी नेता और वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा को हराया था. 2019 में भी अफजाल ने मनोज सिन्हा को हराया लेकिन इस बार BSP के टिकट पर चुनाव लड़ा था.
(फोटो- अफजाल अंसारी/फेसबुक)
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंसारी परिवार पर करीब 97 संगीन धाराओं में केस दर्ज हैं, जिसके तहत FIR हुई है. मुख्तार पर हत्या के 8 मुकदमों सहित कुल 61 केस दर्ज हैं.
(फोटो- अफजाल अंसारी/फेसबुक)
बेटे अब्बास पर 8, छोटे बेटे उमर पर 6, अफजाल पर 7, शिवगतुल्लाह पर 3 केस दर्ज हैं. मुख्तार की पत्नी अफ्शां पर 11 और अब्बास की पत्नी निकहत बानो पर एक क्रिमिनल केस है.
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अफजाल अंसारी पर बीजेपी विधायक कृष्णा नंद हत्याकांड मामले में गैगस्टर लगा है, जिस पर फैसला सुनाते हुए गाजीपुर की MP/MLA कोर्ट ने उन्हें 29 अप्रैल को, दोषी करार देते हुए चार साल की सजा सुनायी है. अफजाल की सांसदी जाने के बाद, अब उपचुनाव होना तय माना जा रहा है. जानकारों के अनुसार, अंसारी परिवार का ही कोई सदस्य एक बार मैदान में ताल ठोंकता नजर आ सकता है.