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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 600 से ज्यादा जिलों के किसानों से बातचीत की. उन्होंने कृषि क्षेत्र का बजट दोगुना करके 2.12 लाख करोड़ रुपये करने समेत इस क्षेत्र में अपनी सरकार के कामों का ब्योरा पेश किया. मोदी ने इस बात पर खास जोर दिया कि उनकी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए काम कर रही है.
पीएम मोदी ने बुवाई से लेकर उत्पादों के बाजार में पहुंचने तक में किसानों की मदद के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों को गिनाया. पीएम ने कहा कि सरकार अपनी नीतियों के जरिये किसानों की आय बढ़ाने के लिए गुणवत्तायुक्त बीज, खाद, पानी और बिजली मुहैया कराने पर ध्यान दे रही है.
मोदी ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकारी नीति में चार बड़े कदम- ‘लागत खर्च में कटौती, फसलों की उचित कीमत, उत्पादों को खराब होने से बचाना और आय के वैकल्पिक स्रोत तैयार करना' उठाये गये हैं.
उन्होंने कहा कि 2018-19 के बजट में किसानों को उनकी लागत के 150 फीसदी के बराबर कीमत दिलाने के लिए कदम उठाये गये हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘‘पिछली सरकार के पांच साल में कृषि क्षेत्र के लिए बजट आवंटन 1.21 लाख करोड़ रुपये था. इसे 2014-19 के दौरान बढ़ाकर 2.12 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया, जो कि लगभग दोगुना है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में न सिर्फ रिकॉर्ड फसल उत्पादन हो रहा है बल्कि दूध, फल और सब्जियों का उत्पादन भी अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर है. 2010 से 2014 के बीच औसतन 25 करोड़ टन अनाज उत्पादन की तुलना में 2017-18 में 28 करोड़ टन अनाज का उत्पादन हुआ है. दालों का उत्पादन औसतन 10.5 प्रतिशत बढ़ा है. मछली और दूध का उत्पादन 26 फीसदी और 24 फीसदी और अंडे का उत्पादन 25 फीसदी बढ़ा है.
मोदी ने किसानों को बुवाई से लेकर उनके उत्पाद बाजार तक पहुंचाने की प्रक्रिया में मदद के लिए नीतिगत हस्तक्षेप की योजना की बात करते हुए कहा, ‘‘हमारी कोशिश किसानों को कृषि के हर चरणों- बुवाई, बुवाई के बाद और कटाई में मदद मुहैया कराना है.'' उन्होंने कहा कि सबसे पहले किसानों को 'मृदा स्वास्थ्य कार्ड' दिया जा रहा है, जिससे उन्हें उनकी जमीन की उपजाऊपन की जानकारी हो सके और उनकों फर्टिलाइजर के सही इस्तेमाल के बारे में सलाह दी जा सके.
मोदी ने कहा कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए मछली पालन, डेयरी, मधुमक्खी पालन जैसे क्षेत्रों पर भी विशेष ध्यान दे रही है. प्रधानमंत्री के मुताबिक कृषि सिंचाई योजना के तहत करीब 100 परियोजनाएं पूरी होने वाली हैं ताकि सभी खेतों तक पानी पहुंच सके. सरकार प्रति बूंद ज्यादा फसल को बढ़ावा देने और लागत में कमी लाने के लिए बूंद सिंचाई यानी 'ड्रिप इरिगेशन' पर भी ध्यान दे रही है.
(इनपुट: भाषा)
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