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किसानों और उनकी खेती के लिए लाए गए कृषि बिलों को लेकर प्रदर्शन लगातार तेज होता जा रहा है. जहां एक तरफ देशभर के हजारों किसान इन बिलों के विरोध में सड़कों और रेल की पटरियों पर हैं, वहीं विपक्षी नेताओं ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. विवाद में आए केंद्र सरकार के इन बिलों को अब राष्ट्रपति से मंजूरी मिल गई है और ये कानून बन चुके हैं. जिसके बाद प्रदर्शन तेज हुए हैं. पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह धरने पर बैठे हैं, वहीं यूपी में भी कई कांग्रेस नेताओं ने जमकर प्रदर्शन किया, जिसके बाद कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं. यही हाल देश के अलग-अलग राज्यों में देखने को मिल रहा है.
कृषि कानूनों को लेकर पंजाब और हरियाणा में सबसे ज्यादा प्रदर्शन देखने को मिले हैं. 25 सितंबर को बुलाए गए भारत बंद के दौरान यहां हजारों किसान सड़कों पर उतरे और चक्का जाम किया. लेकिन प्रदर्शन लगातार जारी हैं. अब पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह इन कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे हैं. उन्होंने कहा कि,
कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने वीवीआईपी इलाके और हाई सिक्योरिटी जोन इंडिया गेट के सामने एक ट्रैक्टर में आग लगा दी. दिल्ली पुलिस के रहते राष्ट्रपति भवन के नजदीक ऐसी घटना होने की खूब चर्चा हुई. जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पांच लोगों को गिरफ्तार किया है.
कांग्रेस नेता देशभर में इन कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी के तहत उत्तर प्रदेश में भी कई कांग्रेस नेताओं ने सड़कों पर उतरकर इन कानूनों का विरोध किया और जमकर प्रदर्शन किए. लखनऊ के परिवर्तन चौक पर बड़ी संख्या में कांग्रेसी जीपीओ की ओर बढ़े, जिन्हें चौक के पास ही रोक लिया गया.
कर्नाटक में कई किसान, दलित और कन्नड़ संगठनों ने कृषि कानूनों के विरोध में सोमवार को बंद बुलाया था. एक दिवसीय बंद (राज्यव्यापी) को सफल बनाने की पूरी कोशिश हुई. इन संगठनों के बंद के आह्वान का असर कर्नाटक के बड़े हिस्से में प्रभावी तौर पर देखा गया, वहीं मंगलुरु और उडुपी जैसे जिलों में इसका कोई खास असर नहीं नजर आया, क्योंकि इन क्षेत्रों में संघ परिवार के समूहों का प्रभाव है.
दोनों विपक्षी दल, कांग्रेस और जेडीएस ने इन संगठनों के बुलाए गए भारत बंद को अपना समर्थन दिया और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति भी अपने राज्य मुख्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन का आयोजन कर भारत बंद में हिस्सा लिया.
देशभर के अन्य राज्यों में भी कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन देखे गए. तमिलनाडु में डीएमके और उसके सहयोगी दलों ने पूरे राज्य में अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन किए. उत्तराखंड में भी कई जगहों पर ऐसे प्रदर्शन दिखे. यहां कांग्रेस नेताओं ने राजधानी देहरादून में राजभवन की तरफ कूच किया. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने इस प्रदर्शन का नेतृत्व किया. वहीं गुजरात, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में भी प्रदर्शन हुए और गिरफ्तारियां हुई हैं.
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