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अगस्ता वेस्टलैंड केस में आरोपी बिचौलिए क्रिश्चियन मिशने के खिलाफ सप्लीमेंट्री चाजर्शीट दायर हो चुकी है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोर्ट में चार्जशीट दायर करते हुए एक बार फिर इस केस में यूपीए सरकार को घेरा. इस शुरुआती चार्जशीट में दावा किया गया है कि इस मामले में डिफेंस अधिकारियों, ब्यूरोक्रेट्स, मीडिया पर्सन और रूलिंग पर्टी के बड़े नेताओं ने मोटी रिश्वत ली.
एक बार फिर ईडी ने AP और FAM कोडवर्ड का इस्तेमाल किया है. जिसमें कांग्रेस के एक बड़े नेता और परिवार का जिक्र किया गया है. ईडी ने कहा है कि राजनीतिक ताकतों के जरिए डील को प्रभावित किया गया. ईडी ने एक बार फिर मिशेल के उस बयान का जिक्र किया है जिसमें कहा गया था कि मिसेस गांधी डील का हाथ इस पूरी डील में शामिल था. ईडी ने ये भी कहा है कि ये पूरा सौदा वित्तमंत्री और उनके सीनियर एडवाइजर्स पर दबाव बनाकर किया गया.
कांग्रेस ने ईडी की इस चार्जशीट में यूपीए सरकार का नाम आने पर इसे एक इलेक्शन स्टंट करार दिया है. कांग्रेस ने कहा कि ईडी की तरफ से लीक हुआ चार्जशीट का एक पेज मोदी सरकार का एक चीप इलेक्शन स्टंट है. रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि ईडी अब एक इलेक्शन ढकोसला बन चुकी है. इस तरह की सभी संस्थाओं के जरिए झूठ को पहले भी इसी तरह से पेश किया गया. यह मोदी सरकार का राजनीतिक एजेंडा है और बीजेपी 2019 का खेल हार चुकी है.
क्रिश्चियन मिशेल को यूएई में गिरफ्तार किया गया था. यूएई ने मिशेल को भारत को सौंप (प्रत्यर्पण के तहत) दिया था. इसके बाद उसकी कोर्ट में पेशी हुई थी, जिसमें कोर्ट ने सीबीआई को 5 दिन के लिए पूछताछ की इजाजत दी थी. बाद में इसे पहली बार 5 दिन और दूसरी बार 4 दिन के लिए और बढ़ाया गया था. 19 दिसंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने 28 दिसंबर तक मिशेल की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. साथ ही उसे जूडीशियल कस्टडी में भेज दिया गया था.
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