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दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के वरिष्ठ रेजीडेंट डॉक्टर ने कोरोना वायरस से संक्रमित एक मरीज की बेहद नाजुक हालत को देखते हुए उसे आईसीयू ले जाने के दौरान कुछ ऐसा किया, जिसकी काफी चर्चा हो रही है. बताया जा रहा है कि डॉक्टर ने इस दौरान अपनी सेहत की परवाह नहीं की और जरूरत पड़ने पर अपना पीपीई उतार दिया.
ऐसा करके डॉक्टर ने अपनी सेहत और जीवन दोनों को खतरे में डाल दिया. फिलहाल उन्हें एहतियात के तौर पर 14 दिन के क्वॉरंटीन में रहने की सलाह दी गई है.
बता दें कि एम्स ट्रॉमा सेंटर को COVID-19 के लिए समर्पित अस्पताल बनाया गया है. यह घटना 8 मई की है. माजीद जब एम्बुलेंस के पास पहुंचे तो उन्होंने देखा कि मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो रही है और उन्हें संदेह हुआ कि ‘‘दुर्घटनावश मरीज को ऑक्सीजन देने के लिए लगाया गया पाइप निकल गया है.’’
माजीद ने बताया, ‘‘मैंने तुरंत उन्हें ऑक्सीजन सर्पोट पर डालने का फैसला लिया. एम्बुलेंस के भीतर पीपीई के अंदर से देखने में परेशानी हो रही थी, ऐसे में मैंने अपने चश्मे और चेहरे पर लगने वाला सीसे/प्लास्टिक के शील्ड को हटाने का फैसला लिया. फिर मैंने मरीज को ऑक्सीजन लगाया क्योंकि जरा सी भी देरी से उसकी जान जा सकती थी.’’
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